60 साल की उम्र के बाद पाचन शक्ति को ध्यान में रखते हुए जिन फलों का सेवन सबसे अधिक करना चाहिए उनमें स्ट्रॉबेरी, ब्लू बेरीज और चेरीज शामिल हैं.
कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे अधिक खतरा बच्चों और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को है. दरअसल इन लोगों में इम्यूनिटी कम होने के कारण इनका शरीर इस संक्रमण के चलते बहुत अधिक कमजोर हो जाता है. इससे यह बीमारी इन पर हावी हो जाती है. आपको बता दें कि ज्यादा उम्र होने पर शरीर की पाचन शक्ति धीरे धीरे कम होने लगती है. इस कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है. कोरोना को लेकर दुनियाभर में अब तक जितनी मौतें हुई हैं, उनमें सबसे अधिक संख्या 60 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों की है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO)के अनुसार, कोरोना का फैटेलिटी रेट बुजुर्गों में 14.8 प्रतिशत है जबकि युवाओं में अभी तक यह दर 0.4 प्रतिशत है. ऐसे में बुजुर्गों को किसी प्रकार के रोगों से बचाने के लिए उनकी डाइट पर खास ध्यान देना चाहिए. आइए आपको बताते हैं कि 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को अपनी डाइट में क्या क्या शामिल करना चाहिए.
ये खास फल जरूर करें शामिल
60 साल की उम्र के बाद पाचन शक्ति को ध्यान में रखते हुए जिन फलों का सेवन सबसे अधिक करना चाहिए उनमें स्ट्रॉबेरी, ब्लू बेरीज और चेरीज शामिल हैं. ये सभी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं. विटमिन-सी इनमें अच्छी मात्रा में मौजूद होता है और इनकी एंटीइंफ्लामेट्री क्वालिटी वायरल, हार्ट संबंधी रोग और हाई बीपी से भी सुरक्षा प्रदान करती है.
ये सब्जियां हैं बहुत उपयोगी
बदलते मौसम में ब्रोकली, शिमला मिर्च और ब्रूसेल्स स्प्राउट्स का सेवन अधिक करना चाहिए क्योंकि इन सभी सब्जियों में पाए जाने वाले पौषक तत्व 60 साल और इससे अधिक उम्र में होने वाली शरीर की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करते हैं. ये सब्जियां फाइबर से भरपूर होती हैं, इस कारण इनका पाचन आसान होता है और कब्ज की समस्या भी नहीं होती.
दालें और साबुत अनाज
60 साल की उम्र के बाद उन खास दालों और अनाज का इस्तेमाल करना चाहिए जो प्राकृतिक तौर पर हल्की और पाचान में आसान हों जैसे कि मूंग की दाल, मसूर दाल, उड़द की छिलका दाल और धुली मूंग दाल. इसके साथ ही बाजरा, ओट्स और खिचड़ी का सेवन भी जरूर करना चाहिए. ये सभी चीजें शरीर के हेल्दी बनाए रखती हैं.
दलिया जरूर खाएं
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, दलिया को पचाना बहुत आसान होता है. दरअसल इसे पचाने में डायजेस्टिव सिस्टम पर प्रेशर नहीं पड़ता और फाइबर से भरपूर होने के कारण यह पेट को साफ रखने में भी मदद करता है. इसलिए अधिक उम्र के लोगों के लिए यह एक अच्छा भोजन है. इसे नाश्ते में या डिनर में आराम से लिया जा सकता है.
कद्दू के बीज जरूर खाएं
कद्दू के बीज (Pumpkin seeds) एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लामेट्री गुणों से भरपूर होते हैं. ये बॉडी में फ्री रेडिकल्स को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. अगर सही मात्रा में और नियमित रूप से इनका सेवन किया जाए तो ये हार्ट संबंधी रोगों से बचने और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं.
अलसी के बीजों का फायदा
असली के बीज (Flax Seeds) में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है. यह बॉडी में श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBC) बढ़ाने और उन्हें हेल्दी बनाने में मदद करता है. ये WBC हमारे शरीर में पहुंचे वायरस को खत्म करने का काम करती हैं. साथ ही ब्रेन को हेल्थी रखने में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड मदद करता है.
मुलेठी के फायदे
मुलेठी प्राकृतिक रूप से कफ विरोधी गुणों से भरपूर होती है. यह शरीर में वायरस और बैक्टीरिया को पनपने से रोकती है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं. सामान्य सर्दी-जुकाम और गीली खांसी में मुलेठी का सेवन लाभदायक रहता है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है.
ग्रीन-टी का सेवन करें
ग्रीन-टी केवल वजन कम करने में ही मदद नहीं करता बल्कि यह मेमोरी बनाए रखने में भी मददगार है. यही वजह है कि अल्जाइमर के मरीजों के लिए यह एक अच्छी ड्रिंक मानी जाती है. ग्रीन टी शरीर में किसी भी तरह सूजन को बनने और बढ़ने से रोकने में मददगार है.
हल्दी खाने के फायदे
खांसी और फ्लू जैसे लक्षणों में हल्दी का सेवन बहुत अधिक लाभकारी होता है. दरअसल हल्दी शरीर में किसी भी तरह के बैक्टीरिया और वायरस को नहीं पनपने देती. अगर मौसम के अनुसार और सही मात्रा में नियमित रूप से हल्दी का सेवन किया जाए तो डायबिटीज, ऑर्थराटिस और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से भी जीवनभर बचा जा सकता है.
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