डॉ. शैलजा ने वर्किंग फ्रॉम होम के साथ बच्चों को संभालने के कुछ बेहद आसान टिप्स बताए.
आपके निजी कामों में कितने काम आ सकते हैं बच्चे?
अपने डेली शेड्यूल के बारे में बच्चों को बताएं
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते देशभर में स्कूल, कॉलेज और ऑफिस बंद किए जा चुके हैं. अधिकांश कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्किंग फ्रॉम होम करने की सलाह दी है. हालांकि बीते 17 दिनों में आपको ये बात समझ आ गई होगी कि वर्किंग फ्रॉम होम के साथ बच्चों की केयर करना बड़ा मुश्किल काम है.
इंडिया टुडे ई-कॉन्क्लेव के माध्यम से इस विषय पर प्रसिद्ध चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट शैलजा सेन ने विस्तार से जानकारी दी. डॉक्टर शैलजा ने वर्किंग फ्रोम होम के साथ बच्चों को संभालने के कुछ बेहद आसान टिप्स बताए.
बच्चों के मामले में ना करें समझौता
डॉ. शैलजा ने कहा, 'बच्चों के मामले में पैरेंट्स को किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहिए. फिर चाहे वो वर्किंग फ्रॉम होम ही क्यों न हो. उन्हें इस बात का एहसास दिलाएं कि वे अकेले नहीं है. इस वक्त पूरी फैमिली के एक साथ खड़े होने की जरूरत है.'
डॉ. शैलजा ने कहा, 'अपने दिनभर के शेड्यूल के बारे में बच्चों को अच्छी तरह समझाएं. आप किस वक्त खाना बनाती हैं. किस वक्त ऑफिस का काम करती हैं. किस वक्त घर के जरूरी काम होते हैं, इन सभी के बारे में उन्हें बारीकी से समझाएं'
ये ट्रिक भी करेगी काम
चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट का कहना है कि बच्चों को घर में अकेले बोर होने के लिए छोड़े देने से अच्छा है कि आप घर के कुछ चुनिंदा कामों में उनकी मदद लें. किचन से लेकर घर के कई जरूरी कामों में बच्चे आपकी मदद कर सकते हैं. उनका समय भी अच्छा बीतेगा और आप पर ऑफिस के काम और बच्चों की जिम्मेदारी का बोझ भी नहीं बढ़ेगा.
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