बॉलीवुड के इस ब्रूस ली के साथ आखिर ऐसा क्या हुआ जो ये हमेशा के लिए भारत से चला गया? जानिए

आज हम जिस कलाकार के बारे में बात करेंगे उसे एक दौर में बॉलीवुड का ब्रूस ली कहा जाता था। जिस दौर में बॉलीवुड के बड़े-बड़े हीरोज़ सिक्स पैक एब्स और बॉडी बिल्डिंग के बारे में ज़्यादा कुछ जानते भी नहीं थे उस दौर में ये अपने सिक्स पैक एब्स से हर दर्शक को अपनी ओर अट्रैक्ट कर रहे थे। ये मार्शल आर्ट में भी काफी एक्सपर्ट थे। 




लेकिन आखिर कैसे ये इतना शानदार कलाकार बॉलीवुड से गायब हो गया? आखिर कैस इस कलाकार ने खुद को बॉलीवुड से एकदम अलग कर लिया? आज इसी के बारे में हम जानेंगे।




इनके करियर की सबसे बड़ी फिल्म थी जिगर, जो मार्शल आर्ट पर बेस्ड फिल्म थी। ये फिल्म सन 1992 में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में अजय देवगन, करिश्मा कपूर और महाभारत में अर्जुन बनने वाले फिरोज़ खान जैसे दिग्गज कलाकार थे। लेकिन सही मायनोँ में अगर किसी कलाकार को दर्शकों ने सबसे ज्यादा पसंद किया था तो यही थे। अपने छोटे से रोल में इन्होंने अपने हुनर से दर्शकों का दिल जीत लिया था। 




इनका नाम है हुसैन खान। जिगर से पहले भी हुसैन खान कुछ फिल्में कर चुके थे। लेकिन उन फिल्मों में शायद ही किसी ने उन्हें नोटिस किया था। असल में हुसैन खान ईरान के रहने वाले हैं। ईरान में इनका नाम था खोसोरो खलीपनाह। ईरान में रहकर ही इन्होंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली थी। 




उसके बाद ये इंडिया में कुछ लोगों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देने के लिए आ गए। इनकी गज़ब की पर्सनैलिटी, और बेमिसाल बॉडी ने कई फिल्म डायरेक्टर्स को इनकी तरफ अट्रैक्ट किया। इन्हें हिंदी फिल्मों में छोटे-छोटे रोल मिलने लगे। इनके बॉलीवुड करियर की पहली फिल्म थी फिल्म जानी दुश्मन, जो कि 1989 में रिलीज़ हुई थी। हालांकि इस फिल्म में हुसैन खान बड़े ही छोटे से रोल में नज़र आए थे।




इसके बाद कुछ और फिल्मों में भी हुसैन खान को छोटे-छोटे किरदार निभाने के लिए मिले थे। ये फिल्में थी जुर्रत, शिवा, मिस्टर बॉन्ड, खूनी महल और घर जमाई। अधिकतर इनको फिल्म के मेन विलेन के गैंग में शामिल एक गुर्गे के तौर पर ही देखा जाता था। और ये अक्सर फिल्म के मेन हीरो से ही भिड़ जाया करते थे। खास बात ये है कि जिस सीन में भी हुसैन खान फिल्म के हीरो से लड़ाई करते थे उस सीन में मार्शल आर्ट का टच ज़रूर नज़र आता था।




शुरू से ही हुसैन खान ब्रूसली के बड़े फैन रहे हैं। यही वजह है कि इनकी बॉडी की शेप काफी हद तक ब्रूसली की बॉडी जैसी ही थी। ये बॉलीवुड में स्टंटमैन के तौर पर भी काम किया करते थे। एक दिन हुसैन खान पर नज़र पड़ी उस दौर के बॉलीवुड के सबसे बड़े एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन की। वीरू काफी समय से चाहते थे कि उनके बेटे अजय देवगन को लेकर कोई ऐसी फिल्म बनाई जाए जो मार्शल आर्ट पर बेस्ड हो और अब तक की सभी हिंदी फिल्मों से एकदम हटकर स्टंट्स उसमें दिखाई दें। 




वीरू ने डायरेक्टर फारुख सिद्दीकी को अपने दिल की ये बात बताई और आखिरकार इन दोनों ने मिलकर फिल्म जिगर बनाने का फैसला किया। हालांकि इन्हें अब भी तलाश थी एक ऐसे एक्टर की, जिसकी बॉडी और पर्सनैलिटी मार्शल आर्ट के सीक्वेंस करने के मुताबिक ही हो। तब वीरू देवगन ने डायरेक्टर फारुख सिद्दीकी को हुसैन खान का नाम सुझाया। बस, यही हुसैन खान के फिल्मी करियर का टर्निंग पॉइन्ट बन गया। 




फिल्म में हुसैन खान बाबा ठाकुर यानि अजीत खान के बेटे बने हैं। फिल्म की शुरूआत में ही हुसैन खान के कई शानदार एक्शन सीक्वेंस रखे गए। हालांकि फिल्म में एक फाइटिंग मैच के दौरान हुसैन खान की रीढ़ की हड्डी टूट जाती है और वो व्हील चेयर पर बैठने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इस फिल्म में वीरू देवगन और अजय देवगन को हुसैन खान का काम काफी ज़्यादा पसंद आया था। 




इस फिल्म के बाद वीरू देवगन ने हुसैन खान को फिल्म जान, प्लेटफॉर्म और दिव्यशक्ति में छोटे-छोटे किरदारों के लिए भी कास्ट किया था। हालांकि किसी ने हुसैन खान को इन फिल्मों में नोटिस नहीं किया। बॉलीवुड में अपनी कद्र ना होते देखकर हुसैन खान ने बॉलीवुड और इंडिया छोड़कर कनाडा जाने का फैसला कर लिया। हालांकि बॉलीवुड में आखिरी बार ये दिखे थे सन 1998 में रिलीज़ हुई फिल्म कीमत में, जिसमें ये अक्षय कुमार और सैफ अली खान के साथ एक फाइट सीन में दिखे थे। 




इसके बाद हुसैन खान कनाडा की राजधानी टोरंटो शिफ्ट हो गए और यहां उन्होंने अपना एक मार्शल आर्ट स्कूल खोल लिया। यहां इन्होंने कई सारे स्टूडेंट्स को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी थी। इनके कई स्टूडेंट्स ने मार्शल आर्ट के फील्ड में बढ़िया प्रदर्शन भी किया। अब हुसैन खान कनाडा के नागरिक बन चुके हैं और अपने परिवार के साथ वहीं रहते हैं। इनके दो बेटे भी हैं जिनमें एक नाम आर्यन है और दूसरे का नाम है आमिर। इनके दोनों बेटे भी इनकी तरह मार्शल आर्ट में एक्सपर्ट हैं। 


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