देश में कुदरत का कहर जारी है। कोरोनावायरस ही नहीं मौसम में भी तेजी से बदलाव हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से चल रहे मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच अब चक्रवाती तूफान का खतरा मंडरा रहा है। आने वाले तीन से चार दिनों तक इसका असर प्रदेश के मौसम पर दिखेगा। कई जिलों में तेज बारिश और आंधी के साथ बिजली गिरने की भी संभावना है।
मौसम विभाग ने दक्षिण भारत में चक्रवाती तूफान का अलर्ट ( imd declares cyclone alert ) जारी किया है। दक्षिण भारत में हवा के दो बड़े-बड़े बवंडर के टकराने के कारण पूरे ही देश में आंधी और बारिश का माहौल बन गया है। मध्यप्रदेश समेत 7 राज्यों में इसका असर ज्यादा देखने को मिलेगा। हवा की स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। मौसम वैज्ञानिक इसे प्री-मानसूनी गतिविधियों ( pre monsoon ) से जोड़कर भी देख रहे हैं।
33 जिलों में आंधी के साथ बारिश की संभावना
मौसम विभाग ( imd weather report ) का पूर्वानुमान है कि प्रदेश के 33 जिलों में आने वाले 24 घंटों के दौरान बारिश हो सकती है, जबकि इनमें से कुछ जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ेंगी। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी कर कहा है कि इन 33 जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ तेज हवा चलेगी, जिसकी रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है।
तीन जिले सबसे अधिक गरम
प्रदेश के मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। कुछ इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि के कारण तापमान में गिरावट आई है वहीं कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां तापमान सबसे अधिक है। प्रदेश के खरगौन, खंडवा और रतलाम जिलों में तापमान 43 डिग्री दर्ज किया गया। इन इलाकों में आने वाले दिनों में तापमान और अधिक रहने का अनुमान है।
कई जिलों में जारी है आंधी
मध्यप्रदेश के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से मौसम में उथल-पुथल जारी है। कई जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश और ओलावृष्टि से मौसम बिगड़ रहा है। इसका असर फसलों पर तो पड़ ही रहा है, साथ ही तापमान में उतार-चढ़ाव से इसका लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।
पिछले 24 घंटों का हाल
प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, इंदौर, होशंगाबाद एवं भोपाल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बारिश दर्ज की गई और शेष संभागों के जिलों का मौसम शुष्क रहा।
यहा हुई बारिश
पिछले कुछ दिनों से बारिश का दौर कई जिलों में जारी है। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के चंदेरी में 7, सांवेर, पचमढ़ी, कटंकी में 2, ईशागढ़, भोपाल, नैनपुर,केवलारी में 1-1 सेमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने आने वाले समय में भी बारिश की संभावना जताई है।
180 की रफ्तार से चलीं हवाएं
भोपाल में बुधवार देर शसाम को मौसम अचानक बदला और उसने कई साल के रिकार्ड तोड़ दिए। 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। हवा और उसके साथ चली धूलभरी आंधी से एयरपोर्ट स्थित मौसम केंद्र पर 10 मिनट तक जीरो विजिबिलिटी दर्ज की गई। तूफान के दौरान 9 मिमी बारिश भी दर्ज की गई। इसने 50 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया। मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला के मुताबिक बुधवार को गरज-चमक वाले क्युम्लोनिम्बस क्लाउड ने शहर पर कहर बरपाया। गरजने-चमकने वाले यह बादल बेहद ताकतवर होते हैं, जिससेस हवा निकलती है। बुधवार शसाम गरजे-चमके बादल इतने ताकतवर थे कि इनसे निकलने वाली हवा की गति 180 किलोमीटर प्रति घंटी की रफ्तार तक पहुंच गई। इसससे 50 सालों का रिकार्ड टूट गया। इससे पहले 5 जून 1970 को 120 किमी प्रति घंटी की रफ्तार से हवाएं चली थीं।
क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक
-मौसम वैज्ञानिक शैलेंद्र नायक के मुताबिक बंगाल के दक्षिण खाड़ी और आसपास के दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र अब दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर स्पष्ट चिन्हित कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण मध्य ट्रोपोस्फेरिक स्तरों तक फैला हुआ है। 15 मई को दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर इसके एक अवसाद (डिप्रेशन) में केंद्रित होने की बहुत संभावना है।
-16 मई की शाम तक और अधिक शक्तिशाली हो कर एक चक्रवाती तूफान के रूप में पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्सो पर केन्द्रित होने की संभावना है। शुरू में 17 मई तक इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की बहुत संभावना है।
-बाद में 18 एवं 19 मई के दौरान इसके रिकर्व (मुड़) कर उत्तर उत्तर-पूर्व दिशा की ओर उत्तरी बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ने की संभावना है।
-16 मई के आसपास दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के कुछ हिस्सो, दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल है।
-ऊपरी क्षोभ मंडलीय पच्छमी हवा (वेस्टरली) में, औसत समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर,मोटे तौर पर 93° पूर्वी देशांतर के साथ 26° उत्तरी अक्षांश के उत्तर में अपनी धुरी के साथ द्रोणिका अब पूर्व की ओर दूर चली गई है।
-औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर, अपनी धुरी के साथ, मध्य क्षोभ मंडल में एक द्रोणिका के रूप में पश्चिमी विक्षोभ अब मोटे तौर पर साथ 62°पूर्वी देशांतर के साथ, 25 °उत्तरी अक्षांश के उत्तर में चलायमान है।
-औसत समुद्र तल से 1.5 किमी तक, एक चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में बना हुआ है।
-औसत समुद्र तल से 0.9 किमी तक, एक चक्रवाती परिसंचरण असम और आसपास के क्षेत्रों के दक्षिणी भागों में बना हुआ है।
-दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश से दक्षिण आंतरिक कर्नाटक तक द्रोणिका/ हवा का अपरुपण अब औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर तक मराठवाड़ा से उत्तरी आंतरिक कर्नाटक होती हुई दक्षिण आंतरिक कर्नाटक तक जा रही है।
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