पटनाः बिहार के गोपालगंज में हत्याओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. हथुआ थाने के रूपनचक में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या किए जाने के 36 घंटे बाद इसी थाने के रेपुरा गांव में बेखौफ अपराधियों ने जेडीयू विधायक अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय के फूफेरे भाई मुन्ना तिवारी को दौड़ा-दौड़ाकर गोलियों से भून डाला जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गयी. मृतक मुन्ना तिवारी रेपुरा गांव के स्व. विश्वनाथ तिवारी के बेटे और पप्पू पांडेय के फुफेरे भाई थे. विधायक और उनके परिजनों ने राजनीतिक साजिश के तहत करीबियों को टारगेट कर हत्या करने का आरोप लगाया है.
बताया जाता है कि मुन्ना तिवारी अपने घर के पास आम के बगीचे में बैठे हुए थे. इसी दौरान बाइक पर सवार होकर चार हथियारबंद अपराधी पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग करने लगे. अपराधियों की फायरिंग देख मुन्ना तिवारी जान बचाकर घर की तरफ भागने लगे लेकिन अपराधियों ने दौड़ाकर गोली मार दी. मुन्ना तिवारी को चार गोलियां लगी. वारदात में शामिल तीन अपराधियों की पहचान करने का दावा करते हुए परिजनों ने प्राथमिकी दर्ज करायी है.
उधर, हत्या के बाद विधायक के आक्रोशित समर्थकों ने हंगामा करते हुए एनएच 28 को जाम कर दिया था. विधायक के समर्थकों ने बीच-बीच में नारेबाजी भी की और पुलिस प्रशासन से नोंकझोक की. मृतक के भाई निशिकांत तिवारी ने बताया कि जेडीयू विधायक अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय के फूफेरे भाई होने की वजह से हथुआ थाने के नयागांव तुलसिया गांव के कुख्यात मनु तिवारी, हरखौली के परमेंद्र यादव और मुन्ना यादव ने गोली मारी. किसी पार्टी के राजनीति से हमारे परिवार को कोई मतलब नहीं है. महज रिश्तेदार होने की वजह से हत्या हुई. अपराधियों ने माले नेता जेपी यादव के ट्रिपल मर्डर का बदला लेने की बात कही.
बिहार के गोपालगंज की धरती वर्चस्व की लड़ाई में रक्तरंजीत होने लगी है. यहां जेडीयू के बाहुबली विधायक अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय और उनके बड़े भाई कुख्यात अपराधी रहे सतीश पांडेय और गैंगेस्टर विशाल सिंह कुशवाहा के बीच हुए गैंगवार में पिछले एक साल में 11 चर्चित लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं. फिलहाल विशाल सिंह और विधायक के बड़े भाई सतीश पांडेय जेल के सलाखों के अंदर हैं.
गोपालगंज के हथुआ थाने के नयागांव तुलसिया के रहनेवाले जेडीयू विधायक के भाई सतीश पांडेय पिछले दो दशक से अपराध की दुनिया में हैं. सतीश पांडेय पर बिहार सरकार के मंत्री रहे बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त होने के अलावा कई नरसंहार और हत्याओं का मामला दर्ज है. हालांकि चार साल से जमानत पर बाहर थे पर ताज़ा घटनाक्रम में फिर से जेल में हैं. सतीश पांडेय ने अपने वर्चस्व को गोपालगंज में स्थापित कर छोटे भाई अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय को विधायक बनाया. बेटे मुकेश पांडेय को जिला पार्षद अध्यक्ष की कुर्सी दिलायी.
इधर, मीरगंज थाने के माधो मटिहानी गांव के रहनेवाले विशाल सिंह कुशवाहा ने 2012 से अपराध की दुनिया में बाइक की चोरी कर प्रवेश किया. जेल से जमानत पर बाहर निकलने पर लूट, हत्या, रंगदारी की ताबड़तोड़ वारदात को अंजाम देकर कुछ ही दिनों में सुर्खियों में आ गया. जेडीयू विधायक के विरोधियों का समर्थन भी विशाल को मिलने लगा. विशाल ने हथुआ समेत गोपालगंज में विधायक के भाई सतीश पांडेय के वर्चस्व को समाप्त करने के लिए साल 2019 में व्यवसायियों से रंगदारी मांगनी शुरू कर दी. इस दौरान रंगदारी नहीं मिलने पर जेडीयू नेता उपेंद्र सिंह कुशवाहा सहित चार चर्चित कारोबारियों की हत्याएं करने का आरोप लगा.
विशाल जेडीयू विधायक के साथ-साथ पुलिस के लिए भी सिर दर्द बन चुका था. पुलिस कप्तान मनोज कुमार तिवारी ने विशाल की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ बुलायी. यूपी-बिहार में ताबड़तोड़ छापेमारी की गयी. अंतत: एसटीएफ ने 26 अक्टूबर 2019 को विशाल सिंह और उसके चार सहयोगियों को देवरिया से गिरफ्तार कर लिया.
वर्चस्व का दौर यहीं खत्म नहीं हुआ. विशाल की गिरफ्तारी के बाद जेल से ही संगठन खड़ा हो गया और एक बार फिर विधायक के करीबियों की हत्या का सिलसिला शुरू हो गया. जेडीयू विधायक और उनके बड़े भाई सतीश पांडेय पर अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए विशाल के गैंग से जुड़े लोगों, शूटर और समर्थकों की हत्याएं करने का आरोप लगा. सूर्खियों में यह मामला तब आया जब हथुआ के रूपनचक में आरजेडी नेता जेपी यादव सहित उनके परिवार के चार लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया गया जिसमें जेपी यादव की मां संकेशिया देवी, पिता महेश चौधरी और भाई शांतनु की मौत हो गयी.
ट्रिपल मर्डर का आरोप घायल आरजेडी नेता जेपी यादव ने जेडीयू विधायक, उनके भाई और भतीजा सहित अन्य लोगों पर लगाया. पुलिस जेडीयू विधायक के भाई सतीश पांडेय और भतीजे मुकेश पांडेय को जेल भेज चुकी है. फिलहाल विधायक भूमिगत है.
ट्रिपल मर्डर के 36 घंटे बाद बदला लेने के लिए विशाल सिंह के शूटर मनु तिवारी, परमेंद्र यादव और मुन्ना यादव ने फिर विधायक के फूफेरे भाई शशिकांत उर्फ मुन्ना तिवारी को हथुआ थाने के रेपुरा गांव में गोलियों से भूनकर हत्या कर दिया. वर्चस्व की आग में यह गैंगवार कब खत्म होगा कहना मुश्किल है.
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