मालिक को नहीं था पता, घर में संपोलों संग रह रही थी नागिन, फिर...
दरभंगा: पांच फुट लंबी नागिन अपने 34 संपोलों के साथ लालबाग स्थित एक घर में डेरा बनाकर रह रही थी लेकिन घर वालों को इसका अहसास अब जाकर हुआ। एक संपोले के गृहस्वामी के पैर में लिपटने के बाद इस रहस्य से पर्दा हट सका। फिर बमुश्किल संपेरे को बुलाया गया तो नागिन और उसके 34 बच्चों को बाहर निकाला जा सका।
चर्चित खगोलशास्त्री और मिथिलांचल की धरोहर लिपि मिथिलाक्षर कंप्यूटर फ़ॉन्ट के जनक विनय कुमार झा के लालबाग स्थित पुराने पुश्तैनी घर में सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था। अचानक विनय झा के बाथरूम में पानी के फव्वारे के साथ एक संपोला निकलकर पैरों में लिपट गया। उन्होंने फेसबुक पर इसकी फोटो पोस्ट कर दी। घरवालों और पड़ोसियों की सलाह पर उन्होंने वन विभाग को घर में सांप होने की सूचना दी।
मगर वन विभाग के स्थानीय अधिकारी यह कहते हाथ खड़े कर गए कि उनके संपर्क में कोई संपेरा उपलब्ध नहीं है। अंततः सकतपुर गांव के प्रवीण झा की मदद से एक संपेरे से संपर्क हो पाया। दो हजार फीस लेकर वह आया और उसने एक पांच फुट लंबी हृष्ट पुष्ट नागिन समेत उसके 34 संपोलों को ढूंढ़ निकाला। ये सभी एक कूलर और पुराने सामान में डेरा जमाए हुए थे।
नागिन और उसके संपोलों के निकलने की सूचना पाकर बड़ी संख्या में इस पड़ोस के लोग विनय झा के घर जमा हो गए।सभी इस बात से हैरत में थे कि नागिन और उसके बच्चों ने अब तक किसी को डंसा नहीं। बाद में सूचना मिलने पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारी आए और नागिन तथा उसके बच्चों को सुरक्षित ले गए।
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