साउथ अफ्रीका दौरे पर नई सुरक्षा से गुजरेगी टीम इंडिया, जानिए क्या है 'बायो बबल मॉडल' ?



नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम अगस्त में जब दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर जाएगी, तो क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) खिलाड़ियों और अन्य हितधारकों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए 'जैव सुरक्षित मॉडल' का उपयोग कर सकता है। ये मॉडल खासतौर पर कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए शुरू किया जा रहा है।

जैव सुरक्षित मॉडल में किसी खेल स्थल में लगभग 350 लोगों के ठहरने की व्यवस्था होनी चाहिए। इन लोगों में खिलाड़ी, प्रसारक, मीडियाकर्मी और अन्य स्टाफ शामिल हैं। ये सुविधाएं उस स्थल या उसके बेहद करीब होनी चाहिए।

इस तरह के मॉडल में मैच स्थल पर 171 कमरों का होटल और उसके पास 176 कमरों का होटल होना चाहिए। सीएसए के मुख्य चिकित्सा अधिकारी शुएब मांजरा ने कहा कि जब भारत तीन टी20 मैचों की सीरीज खेलने के आएगा, तो इस मॉडल का सुझाव दिया जाएगा।

मांजरा ने सीएसए प्रबंधन के साथ मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हो सकता है कि अगस्त या सितंबर में (कोविड-19) देश के विभिन्न भागों में अपने चरम पर हो, इसलिए हम ऐसे मॉडल पर ध्यान दे रहे हैं और देखते हैं कि अगस्त में क्या होता है।’

उन्होंने कहा, ‘संभवत: भारत के साथ होने वाले तीन टी20 ऐसे मॉडल को तैयार करने का आदर्श अवसर हो। हम उस समय इस बारे में नहीं सोच सकते हैं. तब स्टेडियम के आसपास दर्शक होंगे। इसलिए हम जैव सुरक्षित वातावरण तैयार करके उसमें क्रिकेट खेल सकते हैं।'

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