MS Dhoni ने अपनी कप्तानी में कई कठिन परिस्थितियों का सामना किया खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में उन्हें ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी। साल 2011 में इंग्लैंड व ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी धरती पर धौनी को टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा था। वहीं साल 2014 में न्यूजीलैंड के दौरे पर भी उनका कठिन वक्त खत्म नहीं हुआ। इस टेस्ट सीरीज में ब्रैंडन मैकुलम ने तिहरा शतक लगाया था।
इस टेस्ट सीरीज के दूसरे और आखिरी मैच में मैकुलम ने छठे विकेट के लिए 352 रन की साझेदारी की थी और अपनी टीम को हार से बचाया था जबकि भारत इस मैच को जीतने के करीब था। इस सीरीज में मोहम्मद शमी भी टीम इंडिया का हिस्सा थे और मनोज तिवारी के साथ लाइव चैट के दौरान उन्होंने बताया कि न्यूजीलैंड के कप्तान मैकुलम को आउट नहीं कर पाना हम सबके लिए बड़ी परेशानी थी। हालांकि मैकुलम का कैच विराट कोहली ने 14 रन पर ड्रॉप कर दिया था और इसकी कीमत टीम इंडिया को चुकानी पड़ी थी।
मैकुलम की बल्लेबाजी से भारतीय गेंदबाज परेशान थे और उस वक्त शमी की गेंद पर एक कैच भारतीय फील्डर ने अन्य बल्लेबाज का छोड़ दिया। इससे शमी बहुत ही ज्यादा निराश और क्रोध में आ गए। इसके बाद उन्होंने एक ऐसी बाउंसर मारी जो विकेटकीपर धौनी के सिर के उपर से भी होती हुई चार रन के लिए चली गई। उन्होंने कहा कि मैंने इस घटना के बाद एक ऐसी बाउंसर फेकी जो माही भाई के उपर से पार कर गई।
इसके बाद ड्रेसिंग रूम जाते हुए धौनी ने शमी से पूछा कि उन्होंने इस सेशन की आखिरी गेंद सही तरीके से क्यों नहीं फेंकी तो इस पर शमी ने कुछ अटपटा सा जवाब दिया। इसके बाद धौनी उन पर व्यंग करते हुए कहा कि मुझे मूर्ख मत बनाओ। मैं सीनियर खिलाड़ी हूं और टीम में कई खिलाड़ियों को आते-जाते देखा है। उस घटना को याद करते हुए शमी ने कहा की माही भाई ने मुझे कड़े शब्दों में कहा कि देख बेटा, बहुत लोग आए मेरे सामने। बहुत लोग खेल के चले गए झूठ मत बोल।
शमी ने कहा कि उन्होंने ये बातें दूसरे अंदाज में कही थी, लेकिन वो गुस्से में लग रहे थे। वहीं उन्होंने आगे कहा कि बेटे तुम्हारे सीनियर हैं और तुम्हारे कप्तान हैं हम। ये बेबकूफ किसी और को बनाया। हालांकि दूसरे मैच में मैकुलम के तीसरे शतक की मदद के कीवी टीम ने इस मुकाबले को ड्रॉ करा लिया था।
0 Comments