आईआईटी के छात्र को गूगल ने 32 लाख रुपये का पे पैकेज दिया
लॉकडाउन में आईआईटी आईएसएम के छात्रों के लिए अच्छी खबर है। दो कंपनियों ने पांच छात्रों का चयन किया है। गूगल इंडिया ने आईआईटी धनबाद के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के छात्र अनुराग सिंह को 32 लाख रुपए सालाना पे पैकेज दिया है। अनुराग का चयन ऑफ कैंपस से हुआ है। इससे पहले भी गूगल ने एक छात्र का चयन किया था। वहीं ट्रांसलैब इनोवेशन ने चार छात्रों का चयन पांच लाख रुपए के पैकेज पर किया है। इनमें के एच साई, मृणमय सरकार, विनय कुमार व पारसनाथ शामिल हैं। ये कंप्यूटर साइंस व तीन एमटेक कंप्यूटर साइंस के छात्र हैं। जानकारों का कहना है कि चयनित छात्रों की संख्या लगभग सात सौ पहुंच गई है।
बताते चलें कि आईआईटी आईएसएम के इतिहास में अब तक सर्वाधिक पे पैकेज फेसबुक ने 56 लाख रुपए दिया है। लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं का ऑफ कैंपस व इंटर्नशिप का ऑफर मिला है। कोरोना के कारण कैंपस प्लेसमेंट की गतिविधियों पर रोक है। 200 से अधिक छात्रों को इंटर्नशिप का ऑफर मिला है। कई छात्रों का चयन उच्च शिक्षा के लिए विदेशी यूनिवर्सिटी में हुआ है।
नवंबर में होगा इनोवेशन अवार्ड : आईआईटी आईएसएम में अक्तूबर में सैमसंग इनोवेशन अवार्ड आरएंडडी का आयोजन होगा। यह 10वें संस्करण आयोजित होगा। 7 अक्तूबर तक अपना आइडिया जमा करना होगा। 20 तक फाइनलिस्ट की घोषणा व 4 नवंबर को आईएसएम में फाइनल प्रजेंटेशन होगा।
400 मेसकर्मियों की मदद करेंगे आईआईटीयन : आईआईटी आईएसएम धनबाद में 18 मार्च से कोरोना के कारण सभी हॉस्टल बंद है। छात्रों के लिए कैंपस पूरी तरह से बंद है। सभी छात्र अपने-अपने घरों में है। ऐसे में हॉस्टल में संचालित मेसकर्मियों की स्थिति खराब है। हॉस्टल बंद रहने के कारण मेस भी बंद है। मेस बंद रहने के कारण मेसकर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। इन मेस कर्मियों की मदद के लिए आईआईटी आईएसएम के छात्र-छात्राएं आगे आए हैं। छात्रों का कहना है कि मेसकर्मियों के फोन आ रहे हैं। कैंपस के नौ हॉस्टल में लगभग 400 मेसकर्मी हैं। छात्रों का कहना है कि प्रबंधन के पास जमा मेस फीस में से राशि की कटौती कर आर्थिक मदद दी जाए। मामले में स्टूडेंट जिमखाना क्लब के अध्यक्ष निखिल का कहना है कि हमलोग मेसकर्मियों की मदद करना चाह रहे हैं। इस संबंध में हमलोगों ने एक प्रस्ताव प्रबंधन को सौंपा है। निदेशक प्रो. राजीव शेखर का कहना है कि छात्राओं का प्रस्ताव सराहनीय है। हमसभी चाहते हैं कि मदद सीधे मेसकर्मियों के हाथ में दी जाए।
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