महाभारत के युद्ध के बारे में आज भी सभी लोग जानते हैं। ये ऐसा काव्य है जिसे कोई भूल नहीं सकता है। यह युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था और करोड़ों की संख्या में लोग इसमें मारे गए थे। क्या आपको पता है कि आखिर इतने शवों का क्या हुआ? तो आइए इस बारे में जानते हैं।
महाभारत के युद्ध को पांडवों ने जीता था और इसमें भगवान श्री कृष्ण की अहम भूमिका थी। इसके बाद श्री कृष्ण के साथ पांडव जन्मांध धृतराष्ट्र से मिलने गये। वहां पर धृतराष्ट्र ने भीम को मारने का प्रयास किया लेकिन श्रीकृष्ण की वजह से उनकी जान बच गई।
उसके बाद पांडव कौरवों की मां गांधारी से मिलने पहुंचे, वे उस समय बेहद गुस्से में थी और उनका गुस्सा चरम सीमा पर था लेकिन कुछ समय बाद जब उनका गुस्सा शांत हुआ तो वेदव्यास के कहने पर युधिष्ठिर सभी को साथ लेकर कुरूक्षेत्र के मैदान में ले गये।
युधिष्ठिर ने करवाया सभी शवों का अंतिम संस्कार-
ऐसा कहा जाता है कि धृतराष्ट्र ने युद्ध में मारे गये सभी शवों का युधिष्ठिर से अंतिम संस्कार करने को कहा। इसके बाद युधिष्ठिर ने कौरवों के पुरोहित सुधर्मा पांडवों के पुरोहित युयुत्यु और विदुर ने इन शवों का अंतिम संस्कार किया। फिर सभी शवों का गंगा के किनारे दाह संस्कार किया गया।
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