आंतरिक बवासीर में असहनीय दर्द होता है जिसके कारण कई बार मल त्याग में खून भी आ जाता है।
इसी कारण इसे खूनी बवासीर भी कहा जाता है, वहीं बाहरी बवासीर में गुदा के आस पास मस्से हो जाते हैं, इन मस्सों में दर्द नही होता, लेकिन खुजली अधिक होती है। हम आपको बताएंगे बवासीर की अचूक दवा के बारे में जिसकी मदद से आप पुरानी से पुरानी बवासीर को बिना ऑपरेशन जड़ से ठीक कर सकते हैं।
बवासीर के कारण व लक्षण
मोटापा या लगातार एक ही जगह पर बैठे रहना बवासीर होने का कारण बन सकता है। लक्षणों में गुदाद्वार से खून का आना। शौच के समय गुदा द्वार में पीड़ा। गुदाद्वार के आस पास खुजली होना, कब्ज का बना रहना यह सब बवासीर के लक्षण है। बवासीर का समय पर इलाज बहुत जरूरी है। आज हम आपको बताने जा रहे कुछ ऐसे घरेलू उपाय जो बवासीर की अचूक दवा है। जिन्हें अपना कर आप बवासीर से राहत पा सकते हैं।
बवासीर के इलाज के लिए हल्दी
हल्दी हमारे रसोई का एक अहम हिस्सा है। पर क्या आप जानते यह एक आयुर्वेदिक औषधि भी है। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं। यदि आप बवासीर से पीड़ित हैं तो हल्दी आपके लिए रामबाण साबित हो सकती है। इसके लिए एक चम्मच देसी घी में आधा चम्मच हल्दी मिला लें, इस मिश्रण को बवासीर के मस्सों पर मरहम की तरह उपयोग करने से लाभ प्राप्त होता है।
बवासीर के इलाज के लिए केला
केले में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कब्ज और बवासीर के लिए उपयोगी साबित होते हैं। इसके लिए एक पक्के के केले को बीच से काट लें और उसपर कत्था छिड़क लें,अब इसे रात भर खुले आसमान के नीचे छोड़ दें। अगली सुबह इस केले को खाली पेट खाएं। इसे खाने से आपको 5-7दिन राहत मिलेगी।
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