देश में इमरजेंसी वाहन के अलावा किसी अन्य वाहन लाल बत्ती व सायरन का उपयोग किया जाना बंद कर दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद देश में अब भी कुछ लोग है जो अपनी आधिकारिक कार के साथ-साथ प्रिवाते वाहन में भी उपयोग करते हैं।
इनमें से बहुत से लोग ताकतवर होते है जिस वजह से कई बार पुलिस वाले ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन इस बार हिंगोली, महाराष्ट्र के एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर ने हाल ही में एक ऐसे व्यक्ति को रोक दिया जो कि प्राइवेट वाहन पर लाल बत्ती लगाकर घूम रहे थे।
बाद में पता लगा कि वह डिप्टी कलेक्टर की कार थी तथा वह अपनी महिंद्रा एक्सयूवी300 कार लेकर घूम रहे थे। 13 जून को साईनाथ अनमोद, कोविड-19 ड्यूटी में लगे हुए थे तथा उन्होंने डिप्टी कलेक्टर की कार पर लाल बत्ती देखें जाने पर रोकवा दिया।
पुलिस वाले ने करीब 11.50 बजे कार को इंदिरा चौक में रोका तथा कार में बैठे व्यक्ति को कहा कि प्राइवेट कार में बत्ती का उपयोग करना गलत है। पता चला कि कार में बैठा व्यक्ति डिप्टी कलेक्टर है और पुलिस वाले को कहा कि वहा उसे कानून मत सिखाये।
वहा उस दौरान कार में सामान्य कपड़ो में चल रहे थे। पुलिस ने कार को जब्त कर लिया तथा उस व्यक्ति को पुलिस थाने ले गयी, उस व्यक्ति की पहचान हिंगोली के डिप्टी कलेक्टर चंद्रकांत सूर्यवंशी के रूप में हुई है। डिप्टी कलेक्टर ने पुलिस वाले को उनके सीनियर के सामने गाली भी दी।
उसमें से एक सीनियर ने डिप्टी कलेक्टर को पुलिस थाने से बिना फाइन दिए जाने दिया। इसके बाद पुलिस वाले ने पुलिस डिपार्टमेंट को खत लिखकर बिना कोई कारण के प्राइवेट वाहन में बत्ती उपयोग करने व उन्हें सीनियर के सामने गाली देने को लेकर सख्त कार्यवाही करने को कहा।
अब अनमोद को राज्य भर के करीब 2 लाख पुलिस वालों का सपोर्ट मिल रहा है। उन्होंने अपने खत में यह भी बताया कि वह उस व्यक्ति के खिलाफ कोई कदम उठाने में नाकामयाब रहे हैं तथा वह असहाय महसूस कर रहे थे।
इस मामलें में हिंगोली के एसपी, योगेश कुमार ने बताया कि वह एक उच्च स्तर की इन्क्वायरी कर रहे हैं। पुलिस वाले को इस मामलें के बाद एक्शन लेने को कहा गया है, वहीं इस मामलें में आरटीओ भी डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ कार्यवाही कर सकती है।
0 Comments