चेतावनी ! कोरोनो की दूसरी लहर आते ही मर सकते है दुनिया भर में लाखों लोग - WHO

स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि यदि कोरोनो वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर सामने आती है तो संसार भर में लाखों लोग मारे जा सकते हैं.


WHO की उप निदेशक रानियरी गुएरा के अनुसार सौ वर्ष पहले आए स्पेनिश फ्लू की तरह कोरोना वायरस की दूसरी लहर खतरनाक सिद्ध हो सकती है. उन्होंने बोला कि स्पेनिश फ्लू ने सिंतबर व अक्टूबर में लौटने के बाद लाखों लोगों की जान ले ली थी. कोरोना वायरस के अब तक दुनियाभर में 9,985,508 मुद्दे सामने आए हैं, वहीं करीब 498,664 लोगों की जान जा चुकी है.


गौरतलब है कि 1918 में स्पेनिश फ्लू हिंदुस्तान सहित कई राष्ट्रों में कहर बनकर टूटा था. बताया जाता है कि इस महमारी ने मई माह में हिंदुस्तान में प्रवेश किया था. इसके कारण हिंदुस्तान में कम से कम 1 करोड़ 20 लाख लोगों ने जान गवाईं थी. वहीं संसार भर में इस वायरस से 50 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हुए थे व करीब 2-5 करोड़ लोगों की जान चली गई थी. संसार भर में लोगों की मृत्यु के ये आंकड़े प्रथम विश्वयुद्ध में मारे गए सैनिकों और नागरिकों की कुल संख्या से ज्यादा हैं.


रानियरी गुएरा के अनुसार ये महामारी गर्मियों में कुछ समय के लिए थम गई थी. मगर सितंबर व अक्टूबर आते—आते इस की दूसरी लहर सामने आई. जिसमें करीब 50 मिलियन मौतें हुईं. स्पेनिश फ्लू के प्रकोप ने ब्रिटेन सहित संसार भर के कई राष्ट्रों में तबाही मचाई, जहां 220,000 से अधिक मौतें हुईं व वहीं अमरीका में करीब 675,000 लोगों की मौत हुईं. इस वायरस को लेकर शोधकर्ताओं ने पाया कि 50F या उससे ऊपर तापमान पहुंचने के बाद वायरस का संचरण धीमा हो जाता है, लेकिन इतना नहीं कि वे मामलों को पूरी तरह से गायब कर दे.


भारत में कैसे स्पेनिश फ्लू आया


भारतीय सैनिकों को लेकर एक जहाज 29 मई 1918 को मुंबई के बंदरगाह पर पहुंचा था. यह जहाज मुंबई के बंदरगाह पर करीब 48 घंटे तक फंसा रहा. यह समय पहले दुनिया युद्ध के समापन का आखिरी दौर था व इस हिसाब से मुंबई का बंदरगाह उस समय बहुत ज्यादा बिजी रहता था, उसके बाद भी इस जहाज को वहीं खड़ा रहने दिया गया. इसके बाद 10 जून को मुंबई बंदरगाह पर तैनात पुलिस वालों ने सात पुलिसवालों को अस्पताल में भर्ती कराया, उनमें इन्फ्लूएंजा का संक्रमण मिला. यह हिंदुस्तान में स्पेनिश फ्लू का भी यह पहला मुद्दा था.


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