नूर-सुल्तान. कजाकिस्तान में एक पुलिस कर्मी एक पीडोफाइल (बच्चों का रेप करने वाला) का पीछा करने के दौरान 13 वीं मंजिल (Policemen Jumped From Thirteen Floor) से नीचे कूद गया. एक संदिग्ध पीडोफाइल (Paedophile) के छलांग लगा कर पकड़ने के लिए इस निडर पुलिसकर्मी को बहादुरी के लिए सम्मानित (Policemen Awarded) किया गया है. 36 वर्ष के बकीत्ज़ान बकरोव छह बच्चों के पिता हैं और कजाकिस्तान के शहर अल्माटी में एक पुलिस अधिकारी हैं. बकरोव हमलावर को पकड़ने के लिए इतने दृढ थे कि उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए उस पीडोफाइल का पीछा करते हुए 13 वीं मंजिल से कूद गए. नीचे गिरने के कारण उनका पैर टूट गया. इसके बावजूद उन्होंने पुलिस सहायता पहुंचने तक उस अपराधी को नहीं छोड़ा.
15 साल की लड़की के बलात्कार का आरोपी
आरोपी पीडोफाइल का नाम सिटीजन श है जिस पर एक घर में घुसकर तोड़फोड़ कर 13 लाख रूपये चुराने के बाद एक 15 साल की लड़की के साथ बलात्कार करने और उसके चार साल के भाई को डराने धमकाने का आरोप लगाया है. कजाकिस्तान में यदि कोई आरोपी बलात्कार का दोषी पाया जाता है तो कजाकिस्तान के कड़े कानूनों के तहत उसे रासायनिक तरीके से बधिया (castration) कर दिया जाएगा.
पीडोफाइल के आरोपी का होता है बधियाकरण
इस मामले में एक नया पक्ष सामने आया है. कजाकिस्तान में बच्चों का रेप करने वाले का बधिया करने का काम करने वाली 68 साल की नर्स ज़ोया मानें का दावा है कि पश्चिमी देशों को भी पूर्व सोवियत राज्य के इस कानून का पालन करना चाहिए. ज़ोया मानें का कहना है कि बाल यौन हमलावरों की अंतिम सजा बधिया ही होनी चाहिए. ज़ोया मानें 35 साल पहले से सोवियत जेल सिस्टम में काम कर रही थी और अब उस्त-कामेनोगोर्स्क जेल में पीडोफाइल के आरोपी कैदियों को रासायनिक रूप से बधिया करने के विभाग में काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि वे ऐसे आरोपियों को बधियाकरण के लिए उनके नितंबों में इंजेक्शन देती हैं. कजाकिस्तान के कानून के मुताबिक पीडोफाइल के दोषियों का बधिया कर उनके यौन इच्छाओं (libidos) को जीवन भर के लिए समाप्त कर दिया जाता है.
जोया ने अपने पहले विदेशी मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा कि ये पीडोफाइल लोग बच्चों के साथ भयानक अपराध करते हैं इसलिए यह सही है कि कानून उन्हें बधिया करने की अनुमति दे रहा है. ज़ोया की दो बेटियाँ हैं और तीन पोते हैं जो रूस में रहते हैं. वे जल्द ही एक नए पीडोफाइल को इंजेक्शन लगाने वाली हैं. वे कहती हैं कि उन पर किसी तरह का नैतिक दबाव या हिचक नहीं है.
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