हल्‍दी में मिलावट करने का आरोप, 38 साल बाद हुआ बरी





   


सुप्रीम कोर्ट ने 38 साल पहले शुरू हुए एक आपराधिक मामले का निपटारा करते हुए मिलावटी हल्दी पाउडर बेचने के आरोपी शख्स को बरी कर दिया है.


नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट ने 38 साल पहले शुरू हुए एक आपराधिक मामले का निपटारा करते हुए मिलावटी हल्दी पाउडर बेचने के आरोपी शख्स को बरी कर दिया है. 1982 में प्रेम चंद पर मिलावटी हल्दी पाउडर बेचने के लिए खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया था.

लैब की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपी के पास से लिए गए हल्दी के नमूने में  कीड़े और घास मिली पाई गई थी. उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा 13 साल तक ट्रायल कोर्ट में चला और वह बरी हो गया.

राज्य सरकार ने ट्रायल कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ उच्च न्यायालय में अपील दायर की. हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया, आरोपी को दोषी पाया और उसे छह महीने के कारावास की सजा सुनाई.

प्रेमचंद ने हाई कोर्ट के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जहां वह अब जाकर बरी हुआ.

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