राजधानी दिल्ली में गांजे की लत से पीड़ित एक 28 वर्षीय युवक ने लॉकडाउन में रहते हुए बेहद जोखिम भरा कदम उठा लिया। गांजा नहीं मिलने पर दो माह पहले उसने रसोई में रखा 20 सेंटीमीटर का धारदार चाकू ही निगल लिया। एम्स के गैस्ट्रो सर्जरी के डॉक्टरों ने युवक की सर्जरी कर उसके लिवर से यह चाकू निकाला।
युवक मूलरूप से हरियाणा के पलवल का रहने वाला है। सर्जरी के बाद उसके स्वास्थ्य में सुधार है। युवक पेशे से मजूदर है और पांच सालों से गांजा पीने की लत से उसे साइकोसिस हो चुका है। इस बीमारी का घर के लोगों ने ठीक से इलाज नहीं कराया। साइकोसिस के कई मरीजों द्वारा पहले भीचम्मच इत्यादि निगलने की घटनाएं हुई हैं। सर्जरी के बाद से परिजन व नर्स मरीज पर 24 घंटे नजर रख रहे हैं। साथ ही मनोचिकित्सक भी उसकी काउंसलिंग व इलाज कर रहे हैं।
गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉ एनआर दास ने कहा कि चाकू गले में भोजन नली से होते हुए आमाशय (पेट) में पहुंच गया। यह सी आकार का होता है। यहां जाकर चाकू छेद कर लिवर में घंस गया। चाकू का आधा धारदार हिस्सा लिवर में में फंस गया। लिवर में रक्तस्राव के कारण पस जम गया। इस वजह से संक्रमण व खून की कमी हो गई। संक्रमण के कारण बुखार होने व तबीयत बिगडने पर परिजनों ने सफदरजग अस्पताल में दिखाया।
वहां के डॉक्टरों ने एक्सरे जांच की तो लिवर में फंसे चाकू को देकर हैरान रह गए। उन्होंने तुरंत एम्स में स्थानांतरित कर दिया। एम्स की इमरजेंसी में कोरोना की जांच निगेटिव आने के बाद उसे भर्ती किया गया। सीटी स्कैन जांच में पता चला कि लिवर में जिस जगह पर चाकू फंसा था, उसके बेहद नजदीक खून की बडी नसें व पित्त की थैली थी। गनीमत है कि उसे नुकसान नहीं पहुंचा। अब युवक की हालत बेहतर है।
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