राजस्थान प्रदेश के अलवर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में एक मजदूर तो दिल का बहुत अमीर निकला। इस मजदूर ने उधार पैसे लेकर सरकारी स्कूल मे कमरा बनवा दिया। स्कूल में बच्चे पेड़ के नीचे बैठते थे जो इससे देखा नहीं गया। शिक्षा के प्रति समर्पण और स्वयं ना पढऩे का मलाल लिए एक श्रमिक ने अपने गांव के बच्चों के लिए सरकारी स्कूल में कमरों की कमी देखकर एक कमरा पैसे उधार लेकर बनवा दिया।
राजकीय माध्यमिक विद्यालय बिलन्दी के सरकारी स्कूल में बच्चों को बैठने के लिए कमरे कम थे । नरेगा मजदूर बाबू लाल गुर्जर ने यहां आकर देखा कि इस स्कूल में तो बच्चों के लिए पर्याप्त कमरे ही नही है तो उसने एक नया कमरा बनवा दिया जिससे सभी ग्रामीणों को प्रेरणा मिली। इसके बाद तो ामीणों ने भी सभी घरों से चन्दा एकत्रित कर कमरों का निर्माण शुरू कर दिया है।
2013 में उमरैण ब्लॉक में सरकारी स्कूल बिलंदी उच्च प्राथमिक से माध्यमिक में क्रमोन्नत हुआ। तब यहां मात्र दो कमरे थे लेकिन निर्माण के लिए कोई जमीन उपलब्ध नहीं थी । यहां एक किलोमीटर दूर स्कूल भवन और खेल मैदान के लिए भूमि आवंटन हुई और 4 कक्षा- कक्ष और चारदीवारी का निर्माण हुआ।
संस्था प्रधान भावना मीना ने बताया कि यहां चार कमरों में 10 कक्षाएं संचालन करना मुश्किल काम था। गांव के ही बाबू लाल गुर्जर एक दिन विद्यालय आए और उन्होने स्कूल में कमरा बनाने के लिए कहा तो तुरंत स्वीकृति दे दी गई। ग्रामीण बाबू लाल गुर्जर ने कमरा निर्माण शुरू किया तो सभी ग्राम वसियों को इससे प्रेरणा मिली। ग्राम वासियों ने राशि एकत्रित कर एक कमरे का निर्माण और शुरू कराया । बाबू लाल की ओर से एक कमरा बन चुका है और ग्रामीणों की ओर से बनाए जा रहे कमरे का काम चल रहा है।
यहां और कमरों के निर्माण के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजे हैं । इस समय विद्यालय में नामांकन 282 है। यहां और कक्षों का निर्माण होता है तो नामांकन और बढ़ेगा।
इधर स्कूल में कमरे बनाने वाले बाबूलाल गुर्जर ने बताया कि मुझे अपने पोता -पोती का प्रवेश इस सरकारी विद्यालय में कराना था लेकिन यहां कमरे कम थे। यह देखकर मैंने एक कमरे का निर्माण कराया है। मुझे खुशी है कि अब सभी ग्रामबासी मुझे देखकर एक कमरे का निर्माण और कर रहे हैं। मेरे पास मात्र 3 बीघा जमीन है और मैं मजदूरी करता हूं। यह कमरा भी मैंने उधार पैसे लेकर बनाया है । अब मैं अपने पोता- पोती का प्रवेश इस स्कूल में कराऊंगा।
विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक मनीष जैन ने बताया कि पूर्व संस्था प्रधान राकेश शर्मा और स्टॉफ सदस्यों ने मिलकर विद्यालय परिसर में बगीचा लगाया है और 100 से अधिक पेड़ भी लगाए हैं।इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी अनिल कौशिक ने बताया कि यह जन सहभागिता का बेहतर उदाहरण है। इस स्कूल को बेहतर बनाने में शिक्षा विभाग के इंजीनियर राजेश लवानिया आगे के लिए काम कर रहे हैं।
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