पूर्व डीजीपी बृजलाल मानते हैं- सोची समझी साजिश के तहत अपराधी विकास का सरेंडर



Vikas Dubey News पूर्व डीजीपी बृजलाल ने कहा कि साफ हो गया है कि विकास दुबे के सरपरस्त अब भी हैं और उसे पूरी मदद कर रहे हैं। ...

लखनऊ,  पूर्व डीजीपी बृजलाल मानते हैं कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में उत्तर प्रदेश के मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे ने जिस नाटकीय अंदाज में खुद को एमपी पुलिस के हवाले किया, वह सोची समझी साजिश के तहत किया गया सरेंडर है। इससे यह भी साफ हो गया है कि विकास दुबे के सरपरस्त अब भी हैं और उसे पूरी मदद कर रहे हैं। पुलिसकर्मी अब भी उस तक सूचनाएं पहुंचा रहे हैं और वह अपने आकाओं के भी संपर्क में हैं।

पूर्व डीजीपी बृजलाल का कहना है कि जिस तरह से विकास दुबे ने उज्जैन में मंदिर पहुंचकर अपनी पहचान उजागर की, उससे साफ है कि वह वहां सुनियोजित साजिश के तहत सरेंडर ही करने गया था। विकास अब भी अपने व्यक्तिगत व राजनैतिक रसूखों का पूरा इस्तेमाल कर रहा है। पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता भी मानते हैं कि विकास दुबे को पूरा यकीन था कि यदि वह यूपी पुलिस के हाथ लगा तो वह उसे छोड़ेगी नहीं। विकास पुलिस, वकीलों व अपने सरपरस्तों के पूरे संपर्क में था। कुख्यात विकास क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को बहुत अच्छे ढंग से जानता है। वह पहले भी जघन्य घटनाएं करके बच चुका है। इस बार भी उसका प्रयास वही है।

बता दें कि कानपुर के बिकरु गांव में 2 जुलाई की रात को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर देशभर में सुर्खियों में आया उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में मिला। छह दिन की तलाश के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, जिस कुख्यात अपराधी को लेकर कई राज्यों की पुलिस अलर्ट थी, उसकी गिरफ्तारी उतनी ही नाटकीय ढंग से हुई। मध्य प्रदेश पुलिस उसको दबोचने का दावा कर रही है, मगर घटनाक्रम के वीडियो फुटेज उसके समर्पण करने की पटकथा सुना रहे हैं। यही वजह है कि बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों के रिश्तेदार सहित आम लोग कह रहे हैं कि दुबे की गिरफ्तारी नहीं हुई है, उसने पूरी रणनीति के तहत समर्पण किया है।

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