वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत जैसे नारों के साथ देश में विदेशी उत्पादों का इस्तेमाल कम करने और स्वदेशी सामानों और कंपनियों के उपयोग को बढ़ाने की दिशा में सरकार और कदम उठाने जा रही है.
दरअसल स्वदेशी अपनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है और अब इस दिशा में सरकार कदम आगे बढ़ाती हुई दिख रही है. ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए सरकार नये नियम लाने जा रही है और भारत की ताजातरीन ई-कॉमर्स पॉलिसी के ड्राफ्ट में ऐसे कदम शामिल हैं, जो स्थानीय स्टार्टअप्स की मदद करेंगे. यही नहीं, विदेशी कंपनियों को भारत में कारोबार करने के लिए कई नियमों का पालन करना होगा.
आपको बता दें कि सरकार पिछले दो साल से ई-कॉमर्स पॉलिसी पर काम कर रही है और इस दौरान लगातार यह मांग उठती रही है कि वैश्विक कंपनियों जैसे गूगल, अमेजन और फेसबुक के भारत में बढ़ते प्रसार को सीमित करने और स्वदेशी कंपनियों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के मिले ऐसे ऐलान किए जाएं और इसी कड़ी में सरकार फैसले करने जा रही है, एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा कहा गया है.
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो ई-कॉमर्स पॉलिसी के ड्राफ्ट में कहा गया है कि इस सेक्टर को पूरी तरह कानूनी दायरे में रखने और इस पर नजर रखने के लिए एक नियामक यानी बनाया जाएगा. इस पॉलिसी पर काफी तेजी से काम चल रहा है और सरकार जल्द ही इसके ड्राफ्ट को जारी करेगी.
रिपोर्ट की मानें, तो नयी ई-कॉमर्स पॉलिसी में यह प्रावधान होगा कि अमेजन जैसी वो सभी कंपनियां जो ग्राहकों का डेटा विदेश में स्टोर कराती हैं उनको एक तय अवधि में ऑडिट कराना अनिवार्य होगा. इसके अलावा अगर कंपनियों को कोई ब्योरा देने के लिए कहा जाता है, तो उन्हें 72 घंटों के अंदर इसे मुहैया कराना होगा. ऐसा नहीं करने पर कंपनियों को जुर्माना भी देना पड़ सकता है.
बताया यह भी जा रहा है कि इस पॉलिसी के ड्राफ्ट के तहत ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को अपने ग्राहकों को विक्रेता (सैलर) की जानकारी मुहैया करानी होगी और इसमें फोन नंबर से लेकर ग्राहकों के शिकायत कराने की क्या व्यवस्था रहेगी, इससे लेकर ईमेल और पता, सहित सारी जानकारी देनी जरूरी होगी.
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