LAC पर पीछे हटी चीनी सेना, अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री की बात में बनी सहमति





भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर तनाव कम करने की कोशिश हो रही है. LAC पर इसका असर दिखना शुरू हो गया है और चीनी सेना गलवान घाटी से 1-2 किमी. पीछे हटी है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बात की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच ये सहमति बन पाई है. वांग ली ही चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी हैं.

आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच लंबे वक्त से सीमा विवाद चल रहा है. इसे सुलझाने के लिए दोनों देशों की ओर से प्रतिनिधि तय किए गए हैं, भारत की ओर से अजित डोभाल ही स्थाई प्रतिनिधि हैं.

अजित डोभाल ने अपने समकक्ष से बॉर्डर पर शांति स्थापित करने को लेकर बात की और आगे साथ में काम करने पर मंथन किया. दोनों के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं ना हों. इसके अलावा बॉर्डर पर फेज़ वाइज़ सेना के पीछे हटने पर भी सहमति बनी है. साथ ही दोनों पक्ष लगातार बॉर्डर को लेकर जो विवाद जारी है, उसपर बातचीत चलती रहेगी.

इसी बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव कम करने को लेकर मंजूरी बनी. बता दें कि सोमवार को ही ये बात सामने आई कि चीन की सेना ने गलवान घाटी से अपने टेंट समेटने शुरू कर दिए हैं और करीब एक-दो किमी. तक पीछे हट गई है.

अभी ऐसी है स्थिति

चीन और भारत के बीच बॉर्डर पर मई से ही तनाव की स्थिति बनी हुई थी. 30 जून को दोनों देशों के सैन्य अफसरों में जो बात तय हुई थी, उसी आधार पर अब सेना पीछे हटी है. चीनी सेना ने अपने टेंट, सामान और सैनिकों को दो किमी. तक पीछे कर लिया है. हालांकि, अभी 72 घंटे का वक्त वेरिफिकेशन के लिए तय किया गया है, इस बीच एक बफर जोन बना दिया गया है ताकि किसी तरह की झड़प ना हो.

पीएम मोदी ने किया था लेह का दौरा

गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लेह पहुंच गए थे. पीएम मोदी नीमू पोस्ट तक गए थे, जहां बड़ी संख्या में जवान मौजूद हैं. यहां से ही पीएम मोदी ने चीन को संदेश दिया था और कहा था कि विस्तारवाद का वक्त अब टल गया है, ये समय विकासवाद का है.

इसी के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि अब डिप्लोमेटिक रास्ते से दोनों देशों के बीच इस मसले का समाधान निकाला जा सकता है. सोमवार को जब चीनी सेना के पीछे हटने की खबर आई तो चीनी विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की. इस मामले पर चीन के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर दिया है.

चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि शांति स्थापित करने के लिए अग्रिम मोर्चे पर कुछ कदम उठाए गए हैं, इनमें सैनिकों को वापस हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई है.

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