पटना। कोरोना संक्रमण से बचाव के तमाम उपाय करने के बावजूद खतरा बढ़ता जा रहा है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसकी चपेट में आते -आते बचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दरभंगा में चुनावी रैली से ऐन पहले वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो उन्हें मंच पर जाने से रोक दिया गया। बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा जदयू के साथ विकासशील इंसान पार्टी वीआईपी भी है। राजग की संयुक्त रैली बुधवार को दरभंगा में आयोजित हुई। रैली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संबोधित किया।

सबसे पहले होगा कोरोना टेस्ट

कोरोना से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लगी टीम ने पहले से ही प्रोटोकॉल जारी किया है कि जो लोग भी चुनावी रैली में प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मौजूद रहेंगे उनका पहले कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। मंच पर मौजूद रहने वालों की कोरोना जांच भी आरटीपीसीआर होगी जिससे संदेह की कोई गुंजाइश न रहे।

प्रधानमंत्री की रैली में सुरक्षा व अन्य प्रशासनिक कार्यों में तैनात अधिकारी व कर्मचारी की भी एंटीजन कोरोना जांच कराई जाती है। बुधवार की रैली के लिए जब वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी की मंगलवार शाम को जांच कराई गई तो वह पॉजिटिव पाए गए। उनकी यह रिपोर्ट बुधवार को रैली के समय पर मिली और उन्हें मंच पर ऐन मौके पर जाने से रोक दिया गया।



इसकी जानकारी खुद मुकेश सहनी ने सोशल मीडिया पर साझा की है। उन्होंने लोगों से अपील भी की है कि जो लोग पिछले दिनों में उनके संपर्क में आए हैं वह सभी अपनी कोरोना जांच करा लें।

उन्होंने अपने संदेश में यह भी बताया है कि दरभंगा रैली से पहले उनकी जांच कराई गई है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद बुधवार को वह रैली में शामिल नहीं हुए और खुद को आइसोलेट कर लिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि वह जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे।

भाजपा के कई नेता अब तक हो चुके हैं संक्रमित

कोरोना संक्रमण काल में विधानसभा चुनाव कराए जाने का हालांकि विभिन्न स्तरों से विरोध जारी है लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान अब तक बिहार में कई भाजपा नेता संक्रमण का शिकार बन चुके हैं।

बिहार भाजपा के चुनाव प्रभारी व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन, राजीव प्रताप रूडी, बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय समेत कई अन्य नेता शामिल हैं। इससे उन लोगों की बात को आधार मिल रहा है जो कोरोना संक्रमण के भयावह दौर में चुनाव कराए जाने का विरोध करते रहे हैं।