हाथरस कांड में बड़ा मोड़: आरोपी फैक्ट्री में था,गवाह फुटेज सब मौजूद,गलत हूँ तो गोली मारो मुझे सीधे

उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने जैसे ही हाथरस कांड के सभी पक्षो के नार्को टेस्ट की बात की है सभी गर्मी दिखाने वाले पक्ष गायब होने शुरू हो गए हैं।

हाथरस मामले (Hathras Case) में अब एक नया मोड़ सामने आ रहा है. पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में से एक आरोपी रामू (Accused Ramu) को लेकर एक बड़ा दावा किया जा रहा है. आरोपी जिस कपंनी में काम करता है उसके मैनेजर का कहना है वारदात के समय रामू गांव में था ही नहीं वह तो फैक्ट्री में ड्यूटी कर रहा था. बता दें कि इससे पहले रामू की मां राजवती ने भी बेटे को बेकसूर बताया था, उनका कहना था कि वह नौकरी पर गया था, आपसी झगड़े के कारण उसका नाम लिखाया गया.

हिंदू न्यूज चैनल जी न्यूज के मुताबिक रामू की कंपनी के मैनेजर ने दावा किया है कि घटना के दिन रामू गांव में मौजूद ही नहीं था. बर्फ कंपनी के मैनेजर ने दावा किया है कि रामू 14 सितंबर को मॉर्निंग शिफ्ट में सुबह 8 बजे से पहले फैक्ट्री में पहुंच गया था. शिफ्ट मैनेजर मधुसूदन बाकी मजदूरों के सामने रजिस्ट्रर दिखाते हुए अपनी बात‌ यानी रामू की 14 और 15 सितंबर में कंपनी में मौजूदगी के गवाह पेश करते हैं. वो फैक्ट्री के इंटरनल व्हाट्सएप ग्रुप में रामू की उस दिन की फोटो भी दिखाते हैं.

पिता बोले- बेटा निर्दोष, रेप किया हो तो मुकदमा नहीं गोली मार दें

रामकुमार उर्फ रामू मुख्य आरोपी संदीप का चाचा लगता है. रामू के पिता राकेश कुमार का दावा है कि बेटा किसी भी रेप या गैंगरेप में की वारदात में शामिल नहीं था. एक ही परिवार के होने की वजह से उसे फंसाया जा रहा है. राकेश हाथरस गैंग पीड़िता को बेटी बताते हुए कहते हैं कि अगर उनका बेटा गैंगरेप में दोषी है, तो उस पर मुकदमा चलाने की भी जरूरत नहीं है, सीधे गोली मार दी जाए.

अगर गैंगरेप साबित हो जाए तो मुझे भी मार दें गोली

इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि और वो पिता होने के नाते अगर रामू क बचाने की कोशिश कर रहे हैं तो ऐसे में गैंगरेप जैसा मामला साबित होता है तो उन्हें भी मार दिया जाए. रामू के पिता का आरोप है कि लगातार बढ़ते दबाव में पुलिस ने उनके बेटे को हिरासत में लिया था और बाद में छोड़ दिया. गैंगरेप की धारा लगने के बाद फिर दोबारा पकड़ लिया गया.

मां ने कहा- दो दशको से चल रहे झगड़े के चलते फंसाया

इससे पहले रामू की मां राजवती ने भी बेटे को निर्दोष बताया था, उनका कहना है कि बेटे को इस केस में फंसाया जा रहा है. राजवती देवी ने ये भी कहा कि इस पूरे केस के पीछे पारिवारिक झगड़ा है. रामू की मां ने कहा कि दोनों परिवार के बीच में बीते दो दशक से झगड़ा चल रहा था. उन्होंने कहा कि उनके परिवार के दो सदस्यों को SC/ST एक्ट के तहत जेल भी भेजा जा चुका है.

पीड़िता के दादा खुद को चोट मारकर दो सदस्यों को पहुंचा चुके हैं जेल

राजवती देवी ने कहा कि दूसरे आरोपी संदीप के पिता नरेंद्र और तीसरे आरोपी रवि पर 2001 में पीड़िता के दादा पर हमले करने का भी आरोप लगा था. राजवती देवी ने कहा कि पीड़िता के दादा ने हमारे परिवार के दो सदस्यों को एससी-एसटी में जेल भेजने के लिए खुद को चोट पहुंचाई थी. हालांकि, राजवती देवी ने ये भी कहा कि उसके बाद झगड़े की कोई घटना नहीं हुई.

मां बोलीं- नौकरी पर था बेटा

राजवती देवी ने पुलिस पर भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मेरे बेटे को गैंगरेप के मामले में फंसाया गया है. जब ये घटना हुई तब मेरा बेटा रामू नौकरी कर रहा था. कोई भी उसके सीनियर से पूछ सकता है. वे बता देंगे कि वो वहां पर था. वो सुबह 7.30 बजे नौकरी के लिए निकल जाता है.


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