TET validity extended: शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अधि आजीवन करने से हजारों उन अभ्यार्थियों में नौकरी की उम्मीद जगी है जो समयसीमा बीतने के कारण आवेदन नहीं कर पा रहे थे। यूपी टीईटी की वैधता पांच साल और सीटीईटी की सात साल हैय़ यूपी में पहली बार 2011 में टीईटी परीक्षा कराई गई थी>
केंद्र सरकार के फैसले से साफ हो गया है कि 2011 से अब तक सभी सफल अभ्यार्थियों के प्रमाणपत्र वैध हो गए हैं इस फैसले से बेरोजगार अभ्यर्थियों के अध्यापकों के भी हित भी हैं। अगर उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के प्रमोशन में टीईटी लागू होता है तो पूर्व में सफल शिक्षकों को दोबारा से परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी। उम्र के इस पड़ाव पर परीक्षा होती थी, जिसमें सफल हो पाना कठिन था।
0 Comments