सौतन बना लॉकडाउन: घरों के टूटने की रफ्तार हुई तेज, 3 गुना बढ़े तलाक मामले
नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस ने त्राही-त्राही मचा के रख दी है। इस महामारी के संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है। लेकिन शादी के सीजन में ये लॉकडाउन लोगों को बहुत भारी पड़ गया। नुकसान होने के साथ-साथ रिश्तों पर फर्क पड़ा है। ऐसे में देश में तलाक के बढ़ते मामले भी सामने आ रहे हैं। यूं तो शादी के मामलों से जुड़े मृणालिनी देशमुख और अश्विनी पाठक जैसे वकीलों के पास लॉकडाउन के दौरान काम नहीं होना चाहिए, लेकिन इन हालातों में भी उनके पास लगातार क्लाइंट्स के फोन आ रहे हैं।
मामूली झगड़ो के चलते तलाक
लॉकडाउन के दौरान बांद्रा फैमिली कोर्ट बंद है, सिर्फ एक जज वहां हैं, जो अर्जेंट मामलों को देखेंगे। इसके बाद भी देशमुख लगातार अपने क्लाइंट्स से वीडियो कॉल पर बात कर रहे हैं, इसमें से एक केस तो ये हैं कि 5 साल के बच्चे की मां, जो खुशी-खुशी तलाक लेना चाहती हैं। वकील पाठक के पास भी तलाक को लेकर फोन आ रहे हैं। देशमुख का कहना है कि तलाक की वजहें भी मामूली हैं, जैसे एसी का स्विच ऑफ क्यों किया?
ऐसे ही एक अन्य वकील और ऑनलाइन लीगल एडवाइजर भी बता रहे हैं कि तलाक के मामलों को लेकर पूछताछ लगातार बढ़ती ही जा रही है। घरों में एक साथ कैद रहने के चलते बहुत से लोगों की पहले से ही खराब चल रही रिलेशनशिप खत्म होने के कगार पर पहुंच चुकी है।
ऐसे मामलों में तीन गुना बढ़ोतरी
इन मामलों में ऑनलाइन लीगल प्लेटफॉर्म के फाउंडर अक्षत सिंघल कहते हैं कि चीन में क्वारंटीन के दौरान तलाक के मामले बढ़े थे, लेकिन भारत में जनता कर्फ्यू के बाद से ऐसे मामलों में तीन गुना बढ़ोतरी ने चिंता में डाल दिया है। इसकी एक बड़ी वजह घरेलू हिंसा है।
लॉकडाउन के चलते नौकरी और पैसों की चिंता की वजह से लोग परेशानी में हैं, ऐसे में कहीं की गुस्सा कहीं पर निकलती है। खासकर छोटे बिजनेस के मालिक और कर्मचारी। वह बताते है कि इस समय लोग घरों से बाहर नहीं जा पा रहे हैं तो वह घरों से ही ऑनलाइन या फोन के जरिए तलाक के बार में पूछताछ कर रहे हैं।
उन रिश्तों में और कड़वाहट पैदा कर सकता
मुंबई की साइकोलॉजिस्ट वर्खा चुलानी कहती हैं कि लॉकडाउन उन रिश्तों में और कड़वाहट पैदा कर सकता है, जो पहले से ही तनाव की स्थिति में हैं।
आगे वह कहती है कि बहुत सारी भारतीय शादियां इसलिए चलती रहती हैं क्योंकि लोग काम के लिए बाहर जाते हैं और लोगों से मिलते-जुलते रहते हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उन्हें एक दूसरे के साथ ही रहने पर मजबूर होना पड़ गया है।
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