लॉकडाउन के पहले ठेकेदार ने उठाया था बीस लाख का माल



अजमेर. क्लॉकटावर थाना इलाके की जिस शराब की दुकान से लॉकडाउन के दौरान दो पिकअप में लादकर गुपचुप शराब बाहर निकाली गई थी उसी दुकान के ठेकेदार ने लॉकडाउन के दस दिन पहले बीस लाख रुपए की शराब व बीयर वेबरीज निगम के माखूपुरा स्थित डिपो से उठाई थी। यह अजमेर शहर में वित्तीय वर्ष समाप्ति के मार्च माह के अंतिम दिनों में की गई सबसे बड़ी डीलिंग थी।

डिपो के सूत्रों ने बताया कि तय प्रक्रिया के तहत शराब ठेकेदार को पहले आवश्यकता के हिसाब से बैंक में राशि जमा कराने के बाद चालान प्राप्त करना होता है। उसी के आधार पर वह बीयर व शराब की पेटियां डिपो के गोदाम से प्राप्त करता है। संबंधित प्रकरण में यह तथ्य सामने आया है कि ठेकेदार ने 21 मार्च को 10-10 लाख रुपए के दो चालान के जरिए माखूपुरा स्थित गोदाम से पांच सौ पेटी बीयर और करीब डेढ़ सौ पेटी शराब की उठाई थी। उसके बाद 22 मार्च को लॉकडाउन हो गया जबकि 23 मार्च को जनता कफ्र्यू लगने के बाद २१ दिन का लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। चालू वित्तीय वर्ष समाप्त होने में केवल दस दिन बाकी थे और लॉकडाउन घोषित होने की संभावना उस समय तक नहीं थी।

ठेकेदार की दुबारा खुली थी दुकान की लॉटरी
सूत्रों ने बताया कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक यानी 31 मार्च तक शराब ठेकेदार को अपनी खरीद का सारा माल बेचना होता है। यदि फिर भी बेचान नहीं होता है तो जिसके नाम दुकान की लॉटरी निकली होती है उसमें बची हुई शराब समायोजित करनी होती है। जबकि इस दुकान में पहले से ही लाखों का माल होने की संभावना है। विडम्बना यह भी रही कि 12 मार्च को हुई लॉटरी प्रक्रिया में इस दुकान की लॉटरी मौजूदा ठेकेदार के नाम ही खुल गई। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद भी नए वित्तीय वर्ष के आधार पर माल इश्यू नहीं किया गया था। इसलिए विभाग को सभी विभागीय कार्रवाई डिपो से जारी माल के मिलान से ही करनी होती है। इसी से पता लगेगा कि लॉकडाउन के दौरान कितना माल चोरी-छुपे बाहर निकाला गया और पहले से दुकान में कितना भरा था।

पता लगाएंगे-ठेकेदार ने कब कितना माल खरीदा
इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी अर्चना जैमन ने बताया कि लॉकडाउन के चलते शराब की दुकानों का 31 मार्च को क्लोजिंग वैरिफिकेशन नहीं किया जा सका। संबंधित प्रकरण में स्टॉक रजिस्टर से दुकान में मौजूद शराब व बीयर का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। यदि किसी तरह की हेराफेरी सामने आती है तो शराब ठेकेदार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में निगम के डिपो से भी जानकारी ली जाएगी कि ठेकेदार ने कब कितना माल खरीदा।

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