वाह-रे-किस्मत ! 56 घंटे भी खुली हवा में नहीं रह सका 56 दिन की पैरोल पर छूटा बंदी

 उन्नाव कहते हैं कि कुछ लोगों को चाहे जितना सुख दिया जाए लेकिन उन्हें रास नहीं आता और वे अपने कर्मों से फिर उसी दुनिया में पहुंच ही जाते हैं। ऐसा ही बीते दिनों जेल से मिली 56 दिन की अंतरिम जमानत पर छूटे बंदी के साथ हुआ। वह जिस दिन छूटा उसके तीसरे दिन फिर उसकी हरकतों ने उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। अब उसे दोबारा पैरोल मिल पाना मुमकिन नहीं है और फिलहाल जेल में ही रहना होगा।

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जेलों में बंदियों-कैदियों की संख्या कम करने मंशा से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शासन ने सात साल से कम सजा की धाराओं में निरुद्ध बंदियों को पैरोल पर छोड़ने का फैसला लिया था। इसके तहत प्रदेश की जेलों से करीब 11000 तो देश भर मेें लाखोें बंदियों-कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया ताकि वो भी अपने घरों में सुरक्षित रह सकें। इसी कड़ी में सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव करौदी निवासी राजेश उर्फ टिंगा को 30 मार्च को 56 दिन की पैरोल पर जेल से रिहाई मिली थी।

जेल से छूटकर वह घर आया लेकिन तीसरे दिन पहली अप्रैल को माखी थानाक्षेत्र के गांव बरभौला निवासी विजय के घर चोरी की घटना हुई। पीड़ित के घर के सामान के साथ मोबाइल भी चोरी हो गया था। मोबाइल काे सर्विलांस पर लगाने के बाद पुलिस ने राजेश को मोबाइल व अन्य सामान के साथ पकड़ लिया गया। पुलिस ने उसे चोरी के आरोप में दोबारा जेल भेज दिया। अब उसे अंतरिम जमानत का लाभ नहीं मिल सकेगा। जेलर ब्रजेंद्र सिंह का कहना है कि उसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 56 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था लेकिन उसने फिर से अपराध कर जेल का रास्ता चुन लिया।

इस बार 14 साल तक हो सकती सजा

काननू के जानकार बताते हैं कि आरोपित पर इस बार जिन धाराओं मेें रिपोर्ट दर्ज हुई है, उसमें 14 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। इससे अब उसे पैरोल का भी लाभ नहीं मिल सकेगा। इससे अब वह कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ही रिहा हो सकेगा।

बाइक चोरी में गया था जेल

पैरोल पर छूट दाेबारा जेल गया आरोपित राजेश उर्फ टिंगा को 22 अक्टूबर 2019 को सफीपुर कोतवाली पुलिस ने चोरी की बाइक बरामद कर जेल भेजा था। 30 मार्च को जेल से पैरोल पर रिहा होने के बाद 56 घंटे में उसे फिर चोरी की घटना को अंजाम दे दिया।

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