रोचक फैक्ट! क्रिकेट इतिहास की 5 सबसे तेज गेंदें, क्या आप जानते हैं इनके बारे में?




   


अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसे बहुत ही कम गेंदबाज हुए हैं जिन्होंने अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों की सिट्टी-पिट्टी गुम कर दी हो. वास्तव में ये अपने जमाने के महान गेंदबाज बल्लेबाजों के लिए आतंक, डर और बेचैनी का सबब होते थे.


नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसे बहुत ही कम गेंदबाज हुए हैं जिन्होंने अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों की सिट्टी-पिट्टी गुम कर दी हो. वास्तव में ये अपने जमाने के महान गेंदबाज बल्लेबाजों के लिए आतंक, डर और बेचैनी का सबब होते थे. कौन सा क्रिकेट फैन शोएब अख्तर की उन दो गेंदों को भूल सकता है जिनसे उन्होनें 1999 में कलकत्ता टेस्ट के दौरान सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ की गिल्लियां बिखेर दीं थी. आज भी उस गेंदबाजी की हाइलाइट्स देखते हुए रोंगटे खड़े हो जाते हैं. क्रिकेट में तेज गेंदबाजी, विशेषकर अख्तर, ब्रेट ली, मिचेल स्टार्क और जैफ थॉमसन की बॉल्स काफी भयावह होती थी. बड़े-बड़े बल्लेबाज़ इनकी गेंदबाजी से डरते थे, आज की अपनी इस विशेष स्टोरी में हम आपको बताएंगे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब तक की 5 सबसे तेज गेंदों के बारे में.

शोएब अख्तर, पाकिस्तान — 161.3 KM/H (100.2 मील/ घंटा)

शोएब अख्तर को अपनी तेज तर्रार गेंदबाजी की वजह से रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता था. ऐसा कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि शोएब गति के राजा थे. 2002 में ये पाकिस्तानी पेसर 100 मील प्रति घंटा की रफ्तार से बॉल फेंक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज़ गेंदबाज़ी करने का रिकॉर्ड बना लिया, जो आज भी कायम है. शोएब  ने ये कारनामा इंग्लैंड के खिलाफ 2003 के विश्व कप के एक मैच के दौरान किया था. इतिहास रचने के बाद शोएब ने कहा था कि- "यह मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता कि स्पीड गन ने मेरी बॉल को मान्यता दी या नहीं. मेरे लिए, यही संतोषजनक है कि मैंने सबसे तेज गेंद फेंकी."

ब्रेट ली, ऑस्ट्रेलिया - 161.1 KM/H (100.1 मील/ घंटा)

ब्रेट ली अपनी आक्रामक गेंदबाज़ी के लिए जाने जाते थे. उनकी गेंदबाज़ी न सिर्फ बल्ल्बाज़ों को असमंजस में रखती थी बल्कि उन्हें डराती भी थी. ली ने क्रिकेट जगत की दूसरी सबसे तेज गेंद न्यूज़ीलैंड के खिलाफ नेपियर में फैंकी थी. ली ने ऑस्ट्रेलिया की 2003 और 2007 विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाई थी.

शॉन टैट, ऑस्ट्रेलिया - 161.1 KM/H (100.1 मील/ घंटा)

वैसे तो ऑस्ट्रेलिया ने क्रिकेट को कई बेहतरीन तेज गेंदबाज़ दिए हैं लेकिन शॉन टैट की बात और थी. अपने करियर के शुरुआती दिनों में 'द वाइल्ड थिंग' के नाम से मशहूर टैट अपनी यॉर्कर्स के लिए जाने जाते थे. टैट 2010 में शोएब अख्तर 
और ब्रेट ली के बाद 100 मील का बैरियर तोड़ने वाले तीसरे गेंदबाज़ बने. टैट ने ये उपलब्धि लॉर्डस के ऐतिहासिक मैदान में इंग्लैंड के खिलाफ एक एकदिवसीय मैच में हासिल की. 

जैफ थॉमसन, ऑस्ट्रेलिया - 160.6 KM/H (99.79 मील/ घंटा)

महान गेंदबाज़ जैफ थॉमसन को क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज गेंदबाज़ माना जाता है. थॉमसन और डेनिस लिली ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया को कई टेस्ट मैचों में एकतरफा जीत दिलाई थी. थॉमसन की 160.6 किमी / घंटा की रफ्तार से डाली गई बॉल 28 सालों तक क्रिकेट की सबसे तेज गेंद थी. थॉमसन ने ये गेंद 1975 में वेस्ट इंडीज़ खिलाफ फैंकी थी. इसी रिकोर्ड को कई सालों बाद शोएब अख्तर ने तोड़ा था.

मिचेल स्टार्क, ऑस्ट्रेलिया - 160.4 KM/H (99.7 मील/ घंटा)

स्टार्क इस लिस्ट में शामिल पहले ऑस्ट्रेलियाई नहीं हैं पर वे ली और टैट से काफी अलग हैं. जहां टैट और ली दाएं हाथ के गेंदबाज़ थे वहीं स्टार्क बाएं हाथ के गेंदबाज़ हैं. स्टार्क अपनी लाइन और लेंथ के लिए जाने जाते हैं और बल्लेबाज़ों को एक ही छोर पर बांधने की क्षमता रखते हैं. स्टार्क ने अपने करियर और टेस्ट क्रिकेट की सबसे तेज गेंद न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पर्थ में डाली थी.

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