मथुरा। देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए 3 मई तक के लिए लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया। लॉकडाउन के दूसरे फेज में सड़क और रेल यातायात बंद है और पुलिस व जिला प्रशासन लॉकडाउन का पालना करना में जुटे है। लेकिन कुछ लोग कोरोना वायरस से उपज संकट को हल्के में ले रहे है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मथुरा के कोसीकला में देखने को मिला है। यहां एक युवक छह बच्चों के साथ बाइक पर पत्नी को बैठाकर जा रहा था तभी पुलिस ने रोक लिया।
six children with wife and man were going on bike during lockdown
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला मथुरा के कोसीकला का है। यहां दिल्ली गेट निवासी अरशद अपनी बाइक सवार पर छह बच्चों और पत्नी मुवीना को लेकर हाईवे के रास्त जा रहा था। एक बाइक पर पति-पत्नी और छह बच्चों को बैठा देख हाईवे पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया। पूछने पर उसने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती है और उसके पेट में दर्द हो रहा है। पत्नी को अस्पताल दिखाने के लिए लेकर जा रहा है।
उसके घर पर कोई बुजुर्ग या परिजन नहीं हैं। इसलिए वह बच्चों को किसके पास छोड़ता। यह सुनते ही पुलिसकर्मियों ने उसे तत्काल जाने की इजाजत दे दी। इंस्पेक्टर आजाद पाल सिंह का कहना है कि जब युवक ने पत्नी का प्रसव होने की बात कही तो मानवता के आधार पर उसे जाने दिया गया।
रायबरेली में भी आया था ऐसा ही एक मामला सामने
रायबरेली जिले में भी कुछ दिनों पहले ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां भी लॉकडाउन में बाहर निकले लोगों को जब पुलिस ने रोका तो जवाब मिला कि पत्नी गर्भवती है उसकी दवा लेने जा रहे हैं। जिले में सख्ती से लॉकडाउन का पालन करा रहे अधिकारी ने युवक से यह तक कहा, सबकी बीवियां गर्भवती हो गई हैं क्या?इसी तरह एक अन्य युवक पास की आटा चक्की में पीसने के लिए गेहूं देने गया था, उससे रसीद देने के लिए कहा गया। यह बताने पर कि मालिक ने कोई रसीद नहीं दी गई थी, अधिकारियों ने पुलिसकमीर् को उसे पुलिस स्टेशन ले जाने का आदेश दिया।
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