मुखर्जी नगर में वीरानी...
एजुकेशन हब के रूप में मशहूर मुखर्जी नगर इलाके में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अधिकतर छात्र अब अपने अपने घरों के लिए रुख कर चुके हैं। वजह है दिल्ली में लगातार बढ़ते कोरोना के मामले और बंद पड़े कोचिंग संस्थान व लाइब्रेरी।
मुखर्जी नगर इलाके में देश के विभिन्न राज्यों से प्रत्येक वर्ष अधिक संख्या में छात्र तैयारी के लिए आते हैं जो यहां पीजी में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, लेकिन कोरोना के काल में दिल्ली की हालत को देखकर अधिकतर छात्र अब अपने-अपने घरों के लिए रुख कर चुके हैं। वहीं, जो छात्र यहां रह गए हैं वे भी यहां से निकलने की पूरी तैयारियों में हैं।
कोचिंग संस्थान और लाइब्रेरी बंद होना भी है एक वजह
छात्रों का कहना है कि क्योंकि, छात्र कमोबेश यहां कोचिंग संस्थानों, लाइब्रेरी और पढ़ाई के माहौल को देखते हुए आते हैं, लेकिन कोरोना के प्रकोप में इस समय यह चीजें बंद हो गई हैं। छात्रों की संख्या भी कम हो गई है। ऐसे में वापस घर जाकर तैयारी करना बेहतर है।
पीजी का किराया और रहने का खर्च पड़ रहा महंगा
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र रियाज ने बताया कि अब यहां रह कर खर्चा महंगा पड़ रहा है। क्योंकि, गांव में भी परिवार के पास अब पैसों की कमी हो रही है इसलिए अधिक समय तक मकानदार को किराया दे पाना भी संभव नहीं है।
स्टेशनरी दुकानदारों की बिक्री पर पड़ा असर
मुखर्जी नगर इलाके में अधिकतर स्टेशनरी की दुकानें हैं। जहां अध्ययन से जुड़ी किताबें व अन्य सामग्री मिलती हैं, लेकिन छात्रों के लौट जाने से दुकानों की कमाई पर असर पड़ा है। स्थानीय दुकानदार संतोष ने बताया कि पहले के मुकाबले अब केवल पांच फ़ीसदी ही काम रह गया है। इस वजह से दुकानों का किराया देना भी बहुत मुश्किल हो गया है।
0 Comments