इसके तहत दवा दुकानदारों को ग्राहक का नाम, पता और मोबाइल नंबर नोट करने को कहा गया है.
महाराष्ट्र, आंधप्रदेश, तेलंगाना, बिहार आदि राज्यों की सरकार ने दवा दुकान संचालकों से कहा है कि लिस्ट देखकर दवा खरीदने वालों को ट्रैक किया जाएगा, जिससे कि उसका कोरोना टेस्ट किया जा सके.
बताया जा रहा है कि कोरोना के कई मरीज इसके लक्षण को कम करने के लिए इन दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल ऐसे लोग कोरोना के टेस्ट से डर रहे हैं. उन्हें लगता है कि पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें कम से कम दो हफ्ते के लिए अस्पतालों में रहना पड़ सकता है या फिर उन्हें क्वारंटाइन में भेजा जा सकता है. इसी डर से लोग पैरासिटामोल और सर्दी जुकाम की बाकी दवाइयां खा रहे हैं.
जानकारी के अनुुसार तेलंगाना में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पता चला कि लोग खुद बुखार की दवा खा कर घर में थे, लेकिन बाद में टेस्ट होने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई. ऐसे में राज्य सरकार ने मेडिकल स्टोर चलाने वालों की तुरंत बैठक बुलाई और फिर यहां ये फैसला लिया गया कि आगे से ऐसी दवा खरीदने वालों का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा.
वहीं महाराष्ट्र के पुणे में भी दवा दुकानदारों को ऐसे रिकॉर्ड रखने को कहा गया गया है. साथ ही यहां ये भी आदेश दिया गया है कि बिना डॉक्टर की पर्ची के ऐसी दवा न दी जाए
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