कोरोना से जंग के बीच महिलाओं ने शुरू किया साड़ी चैलेंज, जानें क्या है साड़ी चैलेंज

कोरोना से जंग के बीच महिलाओं ने शुरू किया साड़ी चैलेंज, जानें क्या है साड़ी चैलेंज


सोशल डिस्टेंसिंग से कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के बीच महिलाओं ने सोशल नेटवर्किंग मजबूत करने की  एक नई मुहिम शुरू की है। यह मुहिम है साड़़ी चैलेंज। लॉकडाउन के बीच महिलाओं ने सोशल मीडिया पर साड़ी चैलेंज शुरू किया है। इसमें महिलाएं साड़ी पहने हुए अपना फोटो सोशल मीडिया पर एक चेन के रूप में शेयर कर रही हैं।

राज्य में अब तक हजारों की संख्या में महिलाएं इस मुहिम से जुड़ चुकी हैं। घरेलू महिलाएं तो इसमें शामिल है हीं, राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्र की जानी मानी हस्तियां भी इसमें शामिल हैं। यदि आपको याद हो तो पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया पर चैलेंज का सिलसिला शुरू हुआ है।

सबसे पहले फिटनेस चैलेंज आया था और उसके बाद आइस बकेट चैलेंज। ताजा साड़़ी चैलेंज विशुद्ध इंडियन वर्जन है।
दून जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली, सीडीपीओ आशारानी ध्यानी, शिक्षिका अंजना राय, राशि चंदोला, दीपाली देवली समेत कई महिलाएं इससे जुड़ी हैं।

यूं चल रहा अभियान
फेसबुक पर साड़ी पहनकर महिला अपनी मित्र को चैलेंज देते हुए टैग करतीं हैं। उसके बाद टैग होने वाली महिला इस कड़ी को आगे बढा़ती हैं। यह सिलसिला चलता ही जाता है।

लॉकडाउन में यह क्रिएटिविटी का नया प्रयोग है। मुझे किसी मित्र ने टैग किया। उसके बाद मैंने भी 50 मित्रों का टैग किया। कोरोना वायरस से हम सोशल डिस्टेंटिंग से जंग जीत सकते हैं। सभी लॉकडाउन का शतप्रतिशत पालन करें। समय बिताने के लिए सकारात्मक प्रयोग भी करते रहें।
मधु चौहान, जिलापंचायत अध्यक्ष

 

मुझे यह अच्छा लगा। लॉकडाउन में समय बिताने के लिए यह नया प्रयोग है। इससे लोग सोशल मीडिया पर ही सहीं, परस्पर संवाद में रहते हैं। महिलाएं एक दूसरे के साथ इस प्रयोग से जुड़ भी रहीं हैं।
आशारानी ध्यानी, बाल विकास परियोजना अधिकारी

कोरोना से जंग में सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है, लेकिन सोशल नेटवर्किंग को भी मजबूत बनाए रखना है। यह साड़ी चैलेंज भी इसमें अच्छा रोल निभा रहा है। समय भी बीतता है और लोग परस्पर संपर्क में बने रहते हैं।
अंजना राय, शिक्षिका, एन मैरी स्कूल 

 

लॉकडाउन के बीच समय बिताने के लिए यह भी अच्छा है। मुझे मेरी एक मित्र ने टैग किया था। मैंने भी तैयारी करते हुए फोटो शेयर की। कई पुरानी मित्रों से बातचीत भी हुई।
दीपाली देवली, हाउसवाइफ

 

मनोवैज्ञनिक महत्व भी है साड़ी चैलेंज का
मनोवैज्ञानिक डॉ. युवराज पंत कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में हैं। ऐसे में सभी के पास दैनिक दिनचर्या से इतर कुछ नया करने का भी पर्याप्त वक्त है। इस प्रकार के प्रयोग व्यक्ति को मानसिक और शारारिक रूप से नया करने को प्रेरित करते हैं। इससे लॉकडाउन की वजह से पैदा होने वाला तनाव भी खत्म होता है। डॉ. पंत कहते हैं कि ऐसे प्रयोग कम नहीं होने चाहिए। ये निरंतर नए नए रूप में चलते रहने चाहिएं।

 

और पुरुषों ने शुरू किया हैडसम मैन चैलेंज
महिलाओं के साड़ी चैलेंज को देखते हुए राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्याक्ष मुकेश प्रसाद बहुगुणा ने हैडसम मैन चैलेंज शुरू कर दिया। बहुगुणा ने व्यंगात्मक अंदाज में शिक्षकों को टैग करते हुए अपने अपनेफोटो फेसबुक पर शेयर करने की अपील की है। बहुगुणा ने लिखा है कि जिस प्रकार महिलाओं ने अभियान शुरू किया है। उसी प्रकार पुरूष भी आरंभ करें। कई शिक्षकों ने भी अब तक अपने फोटो शेयर किए हैं

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