बांद्रा स्टेशन पर सैकड़ों मजदूर स्टेशन पर जमा हो गए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। ये मजदूर अपने-अपने राज्य में वापस जाना चाहते हैं।...
कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से देश में आज ही लॉकडाउन बढ़ाया गया है लेकिन मुंबई में लॉकडाउन का भारी उल्लंघन सामने आया है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं। बांद्रा स्टेशन पर सैकड़ों मजदूर स्टेशन पर जमा हो गए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। इतने सारे लोगों के सड़क पर आने से कोरोना के फैलने का खतरा बढ़ गया है।
जानकारी के मुताबिक, ये लोग खाने की समस्या बता रहे हैं और घर भेजने की मांग कर रहे हैं। कोरोना से बुरी तरह प्रभावित मुंबई में इस कदर भीड़ का उमड़ना काफी डराने वाला है। मजदूरों को हटाने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी। बताया जा रहा है कि लगभग 4:30 बजे से लोग बांद्रा स्टेशन के पास इकट्ठे हो रहे थे। पुलिस ने पहुंचकर पहले समझाने की कोशिश की लेकिन 6 बजे के आसपास पुलिस ने लाठी चार्ज किया।
बताया जा रहा है कि पुलिस की कार्रवाई के बाद भीड़ कम हो गई है। लोगों में अनिश्चितता है कि लॉकडाउन कब तक चलेगा ऐसे में लोग घबरा गए हैं। स्थानीय नेताओं का कहना है कि लोगों को समझाया जा रहा है कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी और हर संभव मदद की जाएगी। वहीं खबर आ रही है कि रात में 8 बजे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
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#BandraRailwayStation पर हजारों की संख्या में उमड़ी मजदूरों की भीड़। घर जाने के लिए स्टेशन पहुंचे गरीब तबके के लोग।#CoronaVirusUpdate #coronavirusinindia #CoronaVirusInMumbai #Bandra @MumbaiPolice @RailMinIndia
ऐसे में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार इन मजदूरों के खाने का इंतजाम करेगी।हम मजदूरों को समझा रहे हैं कि उनकी परिस्थितियों को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे। गृह मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी ने अफवाह फैला दी थी। इस मामले में 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 197 केस दर्ज किए गए हैं।
आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर फोड़ा ठीकरा
महाराष्ट्र में उत्पन्न हुई स्थिति को लेकर शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में 6 लाख लोग शेल्टर्स में रह रहे हैं। केंद्र सरकार के सामने मामला रखा गया था कि इन लोगों को घरों तक पहुंचने की कोशिश की जाए। उनके पास खाना नहीं है और वे घर जाना चाहते हैं। बांद्रा में इकट्ठा हुए लोग अब चले गए हैं लेकिन यह स्थिति इसलिए हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने बात नहीं सुनी। फिलहाल बांद्रा स्टेशन से लोगों को हटा दिया गया है। यहां तक कि गुजरात के सूरत में भी मजदूरों ने घर जाने के लिए दंगा तक किया, यह सब केंद्र सरकार की विफलता को दिखाता है, जो प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक भेजने में नाकाम हो रही है। वे भोजन या आश्रय नहीं चाहते, वो घर जाना चाहते हैं।
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