कोरोना वायरस के कहर से पूरा देश संक्रमित है। इसी बीच राजस्थान में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। वहां राजनीतिक हलचल तेज बढ़ने का कारण सचिन पायलट का एक इंटरव्यू है। राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कोरोना वायरस से तैयारियों को लेकर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। पायलट ने लॉकडाउन से लेकर वायरस पर प्रभावित नियंत्रण का मॉडल बने भीलवाड़ा और इस विकट स्थिति में राजनीति पर खुलकर अपनी बात रखी।
लॉकडाउन से जुड़ी कोई भी निर्णय होगी जल्दबाजी
कोरोना के कहर के कारण देशभर में लागू लॉकडाऊन से जुड़े किसी भी फैसले को सचिन पायलट ने जल्दबाजी भरा निर्णय बताया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने काम-धंधे, इंडस्ट्री बंद होने और गरीब मजदूर की तंगी का हवाला देते हुए जल्द लॉकडाउन के बारे में सोचने की बात कही थी। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एक इंटरव्यू में बताया कि कई जिलों में कोरोना नहीं पहुंचा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वहां लॉकडाउन हटा दिया जाए या किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही बरती जाए।
बड़े देशों के अनुभव से सीखना होगा
उन्होंने आगे कहा कि 'हमें लॉकडाउन को खत्म करने का कोई फैसला जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए। हमें अंतिम निर्णय के लि 14 अप्रैल तक और इंतजार करना चाहिए। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसका मतलब हम किसी भी सूरत में सेफ जोन में नहीं हैं।' पायलट ने कहा, 'यदि वायरस का संक्रमण के चौथे स्टेज में पहुंचते हैं तो भारत जैसे देश के लिए मौजूदा चिकित्सा साधन-सुविधाओं के दम पर जरूरतें पूरी करना लगभग असंभव होगा। हमें अमेरिका और यूरोप के अन्य देशों के अनुभव से सीखना होगा।' उन्होंने सभी लोगों को एकजूट रहने की बात भी कही।
सभी राज्य को विशेष पैकेज की जरुरत
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा की जा रही मदद पर कहा कि इस समय हर राज्य को आर्थिक मदद की जरूरत है। केंद्र सरकार ने इसके लिए घोषणा कर दी है, लेकिन जो राज्य कोरोना के भारी संक्रमण से जुझ रहे हैं उन्हें स्पेशल आर्थिक पैकेज की जरूरत है। राजस्थान में कोरोना के संक्रमण में अचानक तेजी आई है। गौरतलब है कि पिछले 24 घंटों में 100 से अधिक नए रोगी मिले हैं। इनमें 39 अकेले जयपुर से हैं। जयपुर और जोधपुर में 1-1 मौत भी हो चुकी है।
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