कोरोना वायरस की वजह से विंबलडन जैसा हाई प्रोफाइल टेनिस टूर्नामेंट रद्द हो गया. इसके बावजूद टूर्नामेंट के आयोजकों को लगभग 1076 करोड़ रुपये बीमा के तौर पर मिलेंगे.
इस बात से एक सवाल यह पैदा होता है कि BCCI ने क्यों आईपीएल की बीमा पॉलीसी में महामारी से संबंधित प्रावधान नहीं रखा. बोर्ड का कहना है कि बीमा हर जगह अलग-अलग होते हैं.
बता दें कि विंबलडन के आयोजक पिछले 17 वर्षों से महामारी इंश्योरेंस के तौर पर हर साल लगभग 15 करोड़ रुपये का भुगतान कर रहे थे. क्लब उन पॉइंट्स पर एक साथ दावा करने की प्रक्रिया में है, जिससे इस टूर्नामेंट के आयोजकों को मोटी रकम बीमा के तौर पर मिले.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि विंबलडन की तुलना आईपीएल से करने से पहले बाजार और सभ्यता को देखना बहुत जरूरी है. अधिकारी ने कहा, 'साथ ही यह भी देखना होगा कि भारत के बाजार में महामारी के कारण रद्द होने का कोई प्रावधान है कि नहीं. उन्होंने कहा, इंश्योरेंस सेक्टर हर क्षेत्र के हिसाब से अलग होता है.'
बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा, 'ग्रेट ब्रिटेन ने इसे अलग तरीके से तैयार किया है. विंबलनडन से तुलना करने से पहले हमें ग्रेट ब्रिटेन के बाजार और वहां के हालात को देखना होगा.'
अधिकारी ने कहा, 'मैं आश्वस्त नहीं हूं कि विंबलडन ने जो किया है वैसा कुछ विकल्प हमारे यहां है या नहीं. एक उदाहरण देते हुए अधिकारी ने बताया कि इंगलैंड के पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी डेविड बैकहम के पैर का बीमा था, लेकिन भारत में बीसीसीआई को अनुबंधित खिलाड़ियों के वेतन की भरपाई के लिए बीमा कराने में पापड़ बेलने पड़ते हैं.'
अधिकारी ने कहा, 'अगर आप डेविड बैकहम का उदाहरण लें तो उनके पैर का 10 करोड़ पाउंड का बीमा हुआ था. आप इस तरह की चीज हमारे बाजार में नहीं देख सकते. जो मैं जानता हूं, बीसीसीआई ने वेतन की भरपाई के लिए बीमा कराने का सोचा लेकिन इसमें बीसीसीआई को कुछ समय लगा. बीसीसीआई भविष्य में इस तरह की स्थिति पर विचार करेगी.'
अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के बाद से भारत में चीजें बदलेंगी. उन्होंने कहा, 'आप अब बदलाव देख सकते हैं, लेकिन इससे पहले कंपनियों को इस महामारी के प्रभाव को देखना होगा.'
0 Comments