छनकौर के पौत्र सुनील ने बताया कि उनके पिता चार भाई है ओर उनके चार पौत्र है। आज समाज में जमीन आदि जायदात के लिए भाई-भाई आपस में लड़-कट मरते हैं, लेकिन उनके परिवार में उनकी दादी की कही बातों पर कभी परिवार में इन चीजों को लेकर कभी लड़ाई नहीं हुई है। उन्होनें बताया कि आज भी हमारे पास काफी एकड़ जमीन है लेकिन अधिकतर जमीन उनकी दादी के ही नाम है।
कहते है जिस घर में बुजुर्गो रहते हो वह घर स्वर्ग होता है। हरियाणा के भिवानी के गांव दातौली में भी ऐसा ही एक घर है जहां ग्रामीणों में सबसे अधिक 105 वर्षीय बुजुर्ग महिला छनकौर जो अभी भी स्वस्थ रहती हैं। बात करें उनके परिवार की तो छनकौर के परिवार में चार बेटे और बहू के साथ बच्चें भी हैं वहीं उनके बेटे ने बताया कि उनकी मां आज भी चाय की जगह सुबह राबड़ी पीती है ओर दोपहर में खिचड़ी, दलिया और चने की रोटी खाती है।
ये सब देख परिवार के सदस्य हैरान रह जाते हैं परिवार की बहू रिटायर्ड महिला पुलिस इंस्पेक्टर प्रेम देवी ने बताया कि उनके खान-पान को देखकर वो चकित रह जाती है। उन्होने बताया कि आज तक उनकी 105 वर्षीय सास कभी बीमार नहीं हुई है। सबसे छोटे बेटे कपूर ने बताया कि उनकी 105 वर्षीय मां गांव में सबसे ज्यादा उम्र की है पर उनका दिमाग पहले कर भांति काम करता है। बेमौसम में भी चने का साग व बाजरे की रोटी खाने की आज भी चाह रखती है।
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