उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से बिहार आ चुके या आने वाले 10 लाख से ज्यादा प्रवासी कामगारों को बिना राशन कार्ड के भी दो महीने तक हर माह 5 किलो चावल और प्रति परिवार एक किलो दाल दिए जाएंगे। इसके तहत कुल 10 किलो चावल और दो किलो दाल देने आकलन किया गया है। यही नहीं, किसानों के साथ विशेष अभियान चला कर पशुपालकों व मछुआरों को भी केसीसी का लाभ दिया जाएगा।
उन्हाेंने कहा कि शिशु लोन के बकाएदारों द्वारा ऋण की अदाएगी पर 2 फीसद ब्याज अनुदान व 5 हजार करोड़ के विशेष कोष से बिहार के स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार तक ऋण दिये जाएंगे। प्रवासी मजदूर जब भी दूसरे राज्यों में वापस जाएंगे तो वहां भी 'वन नेशन,वन राशन कार्ड' के तहत वे अनाज का उठाव कर सकेंगे। केंद्र सरकार की घोषणा के अनुसार उन्हें दूसरे राज्यों में किराए के सस्ते मकान की भी सुविधा मिलेगी।
उन्हाेंने कहा कि बिहार में 36.73 लाख छोटे-मोटे काम करने वाले गरीबों को मुद्रा के तहत 11,470 करोड़ का लोन दिया गया है। ससमय अगले 12 महीने तक शिशु ऋण धारकों (50 हजार तक कर्ज लेने वाले) द्वारा बकाए के भुगतान पर उन्हेंं 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलेगा। लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए बिहार के लाखों फुटपाथी दुकानदारों को भी पैकेज के तहत घोषित पांच हजार करोड़ के फंड से 10 हजार तक का कर्ज दिया जाएगा।
बिहार मेंं पीएम किसान निधि से आच्छादित 63 लाख किसानों, जिनमें से काफी किसान केसीसी से वंचित हैं के साथ बिहार के पशुपालकों व मछुआरों को भी विशेष अभियान के तहत केसीसी का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए केंद्र्र सरकार ने दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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