राजसमंद। 11 साल का एक बच्चा रोता-बिलखता पुलिस थाने पहुंचा। एसएचओ से शिकायत की कि एक आंटी उसके दो पालतू तोते नहीं दे रही है। वे उसे उसके तोते दिलवाएं। एसएचओ का दिल पसीज गया और उसने महिला को दोनों तोतों के साथ पुलिस थाने बुला लिया, मगर दिक्कत यह थी कि बच्चा साबित कैसे करे कि ये दोनों तोते उसी के हैं। फिर पूरा मामला खुद तोतों की गवाही से सुलझा। यह अनूठा मामला राजस्थान के राजसमंद जिले का है।
राधा कृष्ण रखा था तोतों का नाम
हुआ यूं कि राजसमंद जिले के गांव कुंवारिया के 11 वर्षीय करण सेन ने दो तोते पाल रखे थे। एक का नाम राधा और दूसरे का नाम कृष्ण रखा हुआ था। लॉकडाउन में एक दिन दोनों तोते उड़कर घर से बाहर कहीं चले गए। परिजनों ने लॉकडाउन के चलते करण को तोते तलाशने के लिए घर से बाहर नहीं जाने दिया, मगर करण हर समय अपने तोतों को खोजने का प्रयास करता रहता था।
लॉकडाउन में ढील मिलने पर खोजने निकला
अब लॉकडाउन में थोड़ी ढील मिली तो वह घर से बाहर निकलकर तोते तलाश करने लगे। घर से करीब आधा किलोमीटर दूर एक घर में उसके तोते मिल गए। उन तोतों को अब एक महिला ने पाल रखा था और उसने करण को तोते लौटाने से इनकार कर दिया। इस पर करण पुलिस थाने पहुंच गया और थानाधिकारी पेशावर खान से शिकायत की।
दोनों तोते करण के कंधे पर आकर बैठे
मीडिया से बातचीत में थानाधिकारी पेशावर खान ने बताया कि बच्चे की शिकायत पर उन्होंने कांस्टेबल हरिसिंह व रोशनलाल शर्मा को उस महिला के घर भेजा और उसे तोते समेत थाने बुलाया। महिला ने तोते अपने बताते हुए देने से इनकार कर दिया। इस पर करण ने कहा कि वह साबित कर सकता है कि तोते उसके हैं।
करण ने जैसे ही राधा-कृष्ण की आवाज लगाई तो दोनों तोते उड़कर उसके कंधे पर आकर बैठ गए। ऐसे में फैसला किया गया कि तोते करण के ही हैं और फिर महिला ने उसे दोनों तोते लौटा दिए। अपने ताेते फिर से पाकर करण खुशी से झूम उठा, मानाे सारे जहां की खुशियां मिल गईं।
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