यूपी : लॉकडाउन में क्राइम का ग्राफ 80% गिरा, लूट-चोरी में सबसे ज्यादा कमी

यूपी : लॉकडाउन में क्राइम का ग्राफ 80% गिरा, लूट-चोरी में सबसे ज्यादा कमी


लॉकडाउन में लोगों को घरों में 'कैद' करने और उनकी हर समय मदद करने में जुटी पुलिस को राहत भी मिली है। यह राहत इस बात की है कि लॉकडाउन में लखनऊ में क्राइम का आंकड़ा भी लगातार घटना चला गया। आंकड़ों में देखे तो लूट व चोरी में 80% के करीब कमी आई है जबकि हत्या में 60 प्रतिशत कमी आई। ये हत्याएं भी किसी गैंगवार में नहीं की गई बल्कि पुरानी रंजिश में हुई है। बंथरा में एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या से आंकड़ा थोड़ा बढ़ गया। वरना बीते एक महीने में हत्या की सिर्फ चार वारदातें ही हुई।

लखनऊ पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक एक महीने (10 अप्रैल से 10 मई के बीच) में 9 हत्यायें हुई। अगर बंथरा में छह हत्यायें एक साथ न हुई होती तो यह आंकड़ा महज चार तक ही रहता। जबकि पिछले साल एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच 16 हत्यायें हुई थी। 

चेन स्नेचिंग शून्य
13 जनवरी को पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद लखनऊ में क्राइम करना पुलिस के लिये चुनौती बना हुआ था। दो महीने बाद कोरोना की वजह से लॉकडाउन होने से लखनऊ में भी क्राइम 80 प्रतिशत घट गया है। पिछले साल एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच लूट की 87 घटनाएं हुई है जबकि इस साल इन 15 दिन में लूट की सिर्फ 3 घटनायें हुई है। लॉकडाउन में एक अप्रैल से अब तक चेन लूट की एक भी वारदात नहीं हुई।

घरेलू हिंसा के मामलों में कमी आई
लॉकडाउन में शुरुआत के आंकड़ों घरेलू हिंसा के मामले बढ़े लेकिन लॉकडाउन-2 में जब आंकड़े तैयार हुए तो इनमें भी कमी आई।

गली-गली पुलिस से कम हुए क्राइम
पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय का कहना है कि कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद सड़कों पर पुलिस दिखायी देने लगी है। लॉकडाउन में भी पुलिस सक्रियता पहले से बहुत ज्यादा है। जगह जगह बैरीकेडिंग लगी है। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। बाहर निकलने पर रोक है। इस वजह से क्राइम में यह गिरावट है। लॉकडाउन हटने के बाद भी चौराहों व गलियों में ही ऐसी व्यवस्था रहेगी।

Post a Comment

0 Comments