रेल कर्मचारी की आत्महत्या के कुछ ही देर बाद उसकी कोरोना रिपोर्ट नैगेटिव आ गई। यदि कुछ घंटे पहले रिपोर्ट आ गई होती तो शायद वह जीवित होता। फांसी लगाने से पहले रेल कर्मचारी ने अपने बेटे के नाम भी एक पत्र छोड़ा है। जिसे पढ़कर लोगों की आंखों में आंसू आ गए। मृतक एफएच मेडिकल कॉलेज में क्वारंटाइन रूम में भर्ती था।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था
टूंडला की रेलवे कॉलोनी में रहने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ओमप्रकाश को कोरोना संदिग्ध मानकर 20 अप्रैल को फिरोजाबाद के यूनिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से 23 अप्रैल को उसे टूंडला के एफएच मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। तभी से उसकी जांच रिपोर्ट नहीं आई थी। इसे लेकर वह काफी परेशान था। पहला सैंपल कैंसिल हो जाने के कारण मंगलवार को उसका सैंपल दोबारा भेजा गया था। बुधवार सुबह नाश्ता देने पहुंचे कर्मचारी को उनका शव फंदे पर लटका मिला था।
पत्र पढ़कर रो पढ़े लोग
मृतक रेलकर्मी ने एक पत्र लिखा था जिसमें लिखा था कि प्यारे बेटे हेमंत अब सारी जिम्मेदारी तुम्हारे कांधों पर छोड़कर जा रहा हूं। सबको प्यार से रखना और बड़े की तरह जिम्मेदारी निभाना। हेमा, काव्या, पूनम, सान्वी, धैर्य, सूरज को बहुत प्यार करना। पलंग के सिराहने की ओर 67 हजार रुपए और मेरी जेब में चार हजार रुपए रखे हैं, इन्हें ले लेना। जय माता दी। इसे पढ़कर सभी की आंख नम हो गई।
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