सीकर। न हाथों में महावर रचाई गई! न पीहर वालों ने चुनरी ओढाई! सुहागिन के सोलह श्रृंगार भी नहीं। बस पीपीई किट में समेटा और अंतिम संस्कार कर दिया गया। मामला राजस्थान के सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ का है। मलाल इस बात का है कि स्वास्थ्य विभाग ने जो दाह संस्कार कोरोना संक्रमित मानकर किया। उस सुहागिन महिला की कुछ घंटों बाद ही रिपोर्ट निगेटिव आई।
Sikar Woman
लक्ष्मणगढ़ के वार्ड 20 में गुरुवार शाम को 31 वर्षीय विवाहिता को सांस लेने में तकलीफ हुई थी। परिजन उसे अस्पताल लेकर आए। कोरोना संक्रमित मानते हुए चिकित्साकर्मियों ने उसे सांवली के कोविड सेंटर में भर्ती करवाया दिया। कोविड सेंटर में उपचार के दौरान महिला की शुक्रवार को मौत हो गई। चिकित्सकों ने उसका सैम्पल लिया और शव को पीपीई किट में पैक कर सीधे श्मशान घाट भेज दिया।
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कुछ परिजनों की मौजूदगी में प्रशासन ने शव का अंतिम संस्कार करवा दिया। शाम को महिला की कोरोना जांच रिपोर्ट आई, जिसमें वो निगेटिव पाई गई। यह सब प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए किया, लेकिन वायरस के खौफ ने इस सुहागिन का अंतिम श्रृंगार भी छीन लिया। इधर, लक्ष्मणगढ़ प्रशासन को भी इसकी सूचना मिलने पर उनके हाथ-पांव फूल गए। उपखण्ड अधिकारी डॉ. कुलराज मीणा के निर्देश पर मेडिकल व उपखंड प्रशासन ने मिलकर उसके दाह संस्कार की तैयार कर ली थी।
सांवली से विवाहिता के शव को किट में सीधे भूतनाथ स्थित मोक्षधाम में लाया गया और परिजनों की मौजूदगी में प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण की तमाम सावधानी बरतते हुए अंतिम संस्कार किया। सीकर सीएमएचओ डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि लक्ष्मणगढ़ कस्बे के वार्ड बीस की मृतक महिला की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।
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