बिहार : इस एप पर ई-बुक्स पढ़ने के अलावा नोट्स भी बना सकेंगे छात्र
कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन की वजह से स्कूलबंदी के बीच शिक्षा विभाग ने इस माह के आरंभ में सरकारी स्कूल की सभी कक्षाओं की किताबों को अध्यायवार बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक निगम लिमिटेड की वेबसाइट पर अपलोड किया था। बच्चों को इस मार्फत पाठ्य-पुस्तक सुलभ कराने वाला बिहार पहला राज्य बन गया था। और अब शिक्षा विभाग ने छात्रहित में ‘विद्यावाहिनी एप' बनाकर किताबों को सर्वसुलभ बनाने में एक और कामयाबी पा ली है।
शुक्रवार की दोपहर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने अपर मुख्य सचिव आर के महाजन, प्राथमिक निदेशक सह पाठ्य पुस्तक निगम के एमडी डॉ. रणजीत कुमार सिंह की मौजूदगी में ‘विद्यावाहिनी एप' को लॉन्च किया। आरके महाजन के मार्गनिर्देशन में प्रबंध निदेशक ने इस एप को तैयार कराया है। इस एप के बन जाने से राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 2 करोड़ से अधिक बच्चों, उनके अभिभावकों और सभी बच्चों की सहूलियत और बढ़ जाएगी।
सहूलियत
- शिक्षा मंत्री ने लॉन्च किया एप, बच्चों को आसानी से मिल सकेंगी किताबें
- 15 दिनों में बनाए गए एप पर हर चैप्टर का नोट बनाकर भी रख सकेंगे बच्चे
इसकी लॉन्चिंग के बाद विभाग की ओर जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि ‘विद्याविहार एप' में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक की सभी पाठ्य पुस्तकों को संग्रहित किया गया है। इन्हें चैप्टरवार संग्रहित किया गया है ताकि छात्र-छात्राओं को इन्हें डाउनलोड कर संग्रहित करने में सुविधा हो। अध्ययनरत छात्र-छात्रा यदि चाहें तो हर चैप्टर का अपना नोट बनाकर भी एप में सुरक्षित रख सकते हैं। गूगल प्ले स्टोर में जाकर विद्याविहार एप को डाउनलोड किया जा सकता है। साथ ही एप को बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक निगम लिमिटेड, पटना की वेबसाइट bstbpc.gov.in पर दिये गए लिंक पर जाकर भी डाउनलोड किया जा सकता है।
निगम के एमडी डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने बताया कि एप को केवल 15 दिनों में एबडिएल सोल्यूशन ने तैयार किया है।
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