नई दिल्ली। आज हम आपको एक हैरान कर देने वाली खबर बताने जा रहे हैं। यहाँ जिस लड़की की हम बात कर रहे है, उसका नाम ज्योति है और 23 साल पहले ज्योति के माँ बाप उसे डिंपल बाबा की झोली में डाल गए थे और डिंपल बाबा का नाम इलाके में काफी जाना माना नाम है। फ़िलहाल हम आपको बता दें कि बाबा ने ही ज्योति को बचपन से पाल पोस कर बड़ा किया और उसे माता पिता दोनों का प्यार दिया।
उन्होंने अपनी बिटिया को इतना पढ़ाया लिखाया, ताकि वो समाज में सर उठा कर चल सके और बात कर सके। केवल इतना ही नहीं इसके इलावा अमृतसर शहर के झब्बाल रोड पर चौधरी रिजॉर्ट में ज्योति की शादी का कार्यक्रम भी संपन्न किया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यहाँ डिंपल बाबा कोई और नहीं बल्कि एक किन्नर है, जिसने ज्योति को अपनी बेटी की तरह पाला। जी हां जब ज्योति की शादी थी तब लोगो ने डिंपल बाबा और उनकी बेटी को न केवल तोहफे और शगुन दिए, बल्कि उन्हें मुबारकबाद भी दी। अब आप ही बताईये, भला ऐसी अनोखी शादी आपने कही देखी है।
आपको जान कर ताज्जुब होगा कि जब ज्योति डिंपल बाबा को मिली थी, तब वो केवल एक दिन की थी। यानि अभी अभी उसका जन्म हुआ था। इसके बाद ज्योति बाबा के परिवार का हिस्सा बन गई। इस बारे में बाबा का कहना है कि उन्होंने बचपन से ही ज्योति को बेटे की तरह पाला है और उसे काफी लाड लड़ाया है। इसके साथ ही बाबा ने बताया कि उस दम्पति की पहले से ही चार संताने थी और चारो बेटियां थी। जिसके चलते वो ज्योति को ऐसे ही मरने के लिए छोड़ गए थे और अगर बाबा ने उसके सर पर हाथ नहीं रखा होता था, तो आज शायद वो जिन्दा भी न होती। वही बाबा का कहना है कि जब ज्योति उन्हें मिली तो उन्होंने शगुन के तौर पर ज्योति को शहद चटाया और उसे लोरी गाकर सुलाया।
यहाँ तक कि रात को जब वो भूखी होती थी और उठ जाती थी तो उसे बोतल से दूध भी पिलाया। वही ज्योति चाहती थी, कि वो बड़ी होकर नौकरी करे और अपने पैरो पर खड़ी होकर दिखाए। ऐसे में डिंपल बाबा ने ज्योति के इस सपने को पूरा किया और उसे खूब पढ़ाया। अगर सीधे शब्दों में कहे तो जब ज्योति के माँ बाप ने अपनी पांचवी बेटी को अपनाने से इंकार कर दिया, तो डिंपल बाबा ने उसकी पूरी जिम्मेदारी उठायी। हालांकि ज्योति की शादी के बाद डिंपल बाबा काफी उदास है, लेकिन उन्हें ख़ुशी इस बात की है, कि भगवान् ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी थी, उन्होंने उस जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभाया।
ज्योति जब पांच साल की हुई तो उसे इलाके के स्कूल में दाखिल करवाया गया। जब ज्योति की विदाई का समय आया और उससे उसके माँ बाप की याद आने के बारे में पूछा गया, तो ज्योति ने कहा कि डिंपल बाबा ही मेरे सब कुछ है। बता दे कि डिंपल बाबा ने पहले उसे ग्रेजुएशन करवाई और फिर कंप्यूटर में डिप्लोमा भी करवाया। ऐसे में ज्योति का कहना है कि जिस तरह से उन्होंने मुझे पाला, वैसे मेरे अपने माता पिता भी नहीं पाल सकते। ज्योति भगवान् का शुक्रिया अदा भी करती है कि उसे बाबा जैसे माता पिता मिले, जिन्होंने उसकी हर छोटी से छोटी इच्छा को पूरा किया।
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