राहुल गांधी ने की प्रवासी मजदूरों से मुलाकात, फुटपाथ पर बैठ जाना उनका हाल

 



राहुल गांधी ने फुटपाथ पर बैठकर जाना मजदूरों का हाल


प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर सरकार पर हमलावर हैं राहुल गांधी


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की है. कांग्रेस नेता ने शनिवार को दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास मजदूरों से मुलाकात की. राहुल गांधी ने फुटपाथ पर बैठकर उनसे बातचीत की और उनकी समस्याएं जानी. उन्होंने भारतीय युवा कांग्रेस और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी से दिल्ली में फंसे प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी की व्यवस्था करने को कहा है.

राहुल गांधी की मजदूरों से मुलाकात पर कांग्रेस ने ट्वीट किया कि लोगों के दर्द को केवल वहीं नेता समझ सकते हैं जो उनका ध्यान रखते हैं. कांग्रेस ने साथ ही पार्टी के पूर्व अध्यक्ष की मजदूरों से मुलाकात की फोटो को भी साझा किया. एक प्रवासी मजदूर देवेंद्र ने बताया कि राहुल गांधी कुछ देर पहले हमसे मिलने आए थे. उन्होंने घर जाने के लिए हमारे लिए गाड़ी बुक की और कहा कि वे हमें घर तक छोड़ेंगे. उन्होंने हमें खाना, पानी और मास्क भी दिया.

वहीं, दिल्ली कांग्रेस के नेता अनिल चौधरी ने कहा कि हमें मालूम पड़ा कि मजदूरों को हिरासत में लिया जा रहा है. राहुल गांधी यहां आएं और उन्होंने उनसे मुलाकात की. अनिल चौधरी ने कहा कि हमने पुलिस से बात की और वे सहमत हो गए कि वे दो लोगों को साथ जाने की इजाजत देंगे. हमारे कार्यकर्ता मजदूरों को घर ले जा रहे हैं. हम दो लोगों को साथ ले जा रहे हैं.

बता दें कि राहुल गांधी मोदी सरकार को घेरने के लिए लगातार कोशिशें करते रहते हैं. लॉकडाउन के दौरान ही राहुल गांधी ने सरकार के कई फैसलों पर सवाल उठाए. प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर वह खासतौर से सरकार पर हमलावर हैं.

प्रवासी मजदूरों से बातचीत करते राहुल गांधी

हाल ही में उन्होंने मजदूरों के पैदल अपने राज्य की ओर जाने का एक वीडियो साझा किया था. वीडियो के साथ ही राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि अंधकार घना है कठिन घड़ी है, हिम्मत रखिए- हम इन सभी की सुरक्षा में खड़े हैं. सरकार तक इनकी चीखें पहुंचा के रहेंगे, इनके हक की हर मदद दिला के रहेंगे. देश की साधारण जनता नहीं, ये तो देश के स्वाभिमान का ध्वज हैं... इसे कभी भी झुकने नहीं देंगे.

राहुल गांधी ने मजदूरों से ऐसे समय मुलाकात की है जब कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण वे संकट के दौर से गुजर रहे हैं. लॉकडाउन के कारण कंपनियां और फैक्ट्रियां बंद हैं, जिसके कारण प्रवासी मजदूरों बेरोजगार हो चुके हैं. लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में तो उन्होंने बचे हुए पैसों और राशन से गुजारा कर लिया, लेकिन अब उनके पास वो भी नहीं है. ऐसे में अब वे अपने घर ही जाना बेहतर समझ रहे हैं.

राहुल गांधी ने जाना मजदूरों का हाल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को भी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सड़क पर चलने वाले प्रवासी मजदूरों को कर्ज नहीं पैसे की जरूरत है. बच्चा जब रोता है तो मां उसे लोन नहीं देती, उसे चुप कराने का उपाय निकालती है, उसे ट्रीट देती है. सरकार को साहूकार नहीं, मां की तरह व्यवहार करना होगा.

राहुल गांधी का ये हमला सरकार के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज को लेकर था. इसी आर्थिक पैकेज के तहत सरकार ने छोटे उद्योगों (एमएसएमई) के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया. इन्‍हें तीन लाख करोड़ रुपये का कोलेट्रल फ्री लोन दिया जाएगा. यानी इस पर किसी तरह की कोई गारंटी नहीं ली जाएगी. इसकी अवधि चार साल की होगी. एक वर्ष तक मूलधन को चुकाने की जरूरत नहीं होगी.

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