बिजली के तारों पर कई पक्षी बैठे रहते हैं। तब उन्हें देख कर ये खयाल जरूर आता है कि बिजली के तार पर बैठे पक्षियों कोकरंट क्यों नहीं लगता है? तो चलिए आज इसी बारे में जान लेते हैं।
इसको समझने के लिए आपको सबसे पहले विद्युत के प्रवाह को समझना जरूरी है। विद्युत के चालक के अंदर बहुत से इलेक्ट्रोन्स होते हैं जो कि एक जगह से दूसरी जगह पर गति करते हैं। जब ये इलेक्ट्रोन्स एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं तो विद्युत का प्रवाह होता है।
आपको बता दें कि बिजली के तार कॉपर(ताँबे) के बने होते हैं, विद्युत् का सबसे अच्छा चालक होता है। इसलिए करंट तांबे में अच्छे से प्रवाहित होता है।
विद्युत के प्रवाह का नियम है कि यदि विद्युत के प्रवाह के लिए 2 राहें हैं तो विद्युत हमेशा उस पथ से प्रवाहित होगी जहाँ कोई अवरोध नहीं होगा। इसलिए जाव विद्युत प्रवाह होता है तो वह तांबे से ही होता है, चूँकि पक्षी के शरीर की कोशिकाये एवं ऊतक, ताँबे की तार की तुलना में ज्यादा प्रतिरोध उत्पन्न करते हैं।
दूसरा एक और बड़ा कारण है कि विद्युत् का प्रवाह अधिक वोल्टेज(विद्युत् दाब) वाले क्षेत्र से कम वोल्टेज(विद्युत् दाब) वाले क्षेत्र की और होता है। पक्षी का शरीर कम वोल्टेज वाला होता है लेकिन उसमे अधिक वोल्टेज वाला कोई पथ नहीं होता है इसलिए उसको करंट नहीं लगता है। लेकिन यदि पक्षी अपने दोनों पैरों को अलग अलग तारों पर रखें या उसका एक पैर जमीन पर हो तो उसको करंट जरूर लगेगा।
1 Comments
Nice
ReplyDeletehttp://elenick.com/index.php/2021/01/23/transmission-line-bird/