पाई-पाई के लिए मोहताज हो जाएंगे अंबानी! ब्रिटेन की अदालत ने सुनाया ऐसा फैसला



नई दिल्ली: रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को तगड़ा झटका लगा है। ब्रिटेन की एक अदालत ने अनिल अंबानी को चीन के तीन बैंकों को 21 दिन के भीतर 71.7 करोड़ डॉलर ( करीब 54 अरब 48 करोड़ 48 हजार) का भुगतान करने को कहा है।


इंग्लैंड और वेल्स के हाई कोर्ट के वाणिज्यिक खंड के जस्टिस निजेल टियरे ने अपने दिए आदेश में इस बात का जिक्र किया है कि बचाव पक्ष (अंबानी) पर गारंटी बाध्यकारी है। ऐसे में अंबानी को बैंकों को गारंटी के रूप में 71,69,17,681.51 डॉलर चुकाने होंगे।


इन बैंकों को एक ऋण करार के तहत अंबानी से यह राशि वसूल करनी है। उन्होंने ये फैसला सुनाते हुए ये व्यवस्था दी कि अंबानी जिस व्यक्तिगत गारंटी को विवादित मानते हैं वह उन पर बाध्यकारी है।




रिलायंस समूह ने रखा अपना पक्ष


वहीं अब इस मामले में अनिल अंबानी के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस द्वारा वैश्विक पुनर्वित्तपोषण के लिए 2012 में लिए गए कर्ज पर दी गई कथित व्यक्तिगत गारंटी से संबंधित है।


प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक ब्रिटेन की अदालत के फैसले का सवाल है निकट भविष्य में भारत में इसके प्रवर्तन की कोई संभावना नहीं है अंबानी इस मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं जिसके बाद वह आगे की कार्रवाई करेंगे।


प्रवक्ता का ये भी कहना है कि ”स्पष्ट किया जाता है कि यह अंबानी का व्यक्तिगत ऋण नहीं है। इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना ने यह दावा कथित रूप से उस गारंटी के आधार पर किया है जिस पर अंबानी ने कभी हस्ताक्षर नहीं किए थे। साथ ही अंबानी ने लगातार कहा है कि उन्होंने अपनी ओर से किसी को यह गारंटी देने के लिए अधिकृत नहीं किया।”


क्या है ये पूरा मामला


दरअसल ये यह मामला चीन के इंडस्ट्रियल एंड कमिर्शियल बैंक और चाइना लि. मुंबई शाखा, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्जिम बैंक और चाइना से सम्बन्धित है। फरवरी में इन बैंकों के सपोर्ट में शर्तों के साथ आदेश जारी किया गया था।


जज डेविड वाक्समैन ने सात फरवरी को इस मामले में सुनवाई करते हुए 2021 में पूरी सुनवाई तक छह सप्ताह में 10 करोड़ डॉलर के भुगतान का आदेश दिया था। अदालत के आदेश के अनुसार अंबानी को 71.7 करोड़ डॉलर का कर्ज चुकाना है।


जिसमें 54,98,04,650.16 डॉलर का मूलधन, 22 मई तक बकाया 5,19,23,451.49 डॉलर का ब्याज और 11,51,89,579.86 करोड़ डॉलर का डिफॉल्ट ब्याज भी सम्मलित है।
इस सप्ताह आए आर्डर में पूर्व में तय अगले साल 18 मार्च को सुनवाई की तारीख को रद्द करते हुए बैंकों के पक्ष में अदालती लागत का भी आदेश दिया। इससे कुल बकाया राशि में 7,50,000 पौंड और एड हो गए हैं।


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