दुल्हन वही जो पिया मन भाए, नीतीश ने चुनी ऐसी वधू कि देखकर लोगों ने कहा-भई वाह...

पटना,  प्यार तो बस प्यार होता है, वो किसी से किसी को भी हो सकता है। प्यार में रूप-रंग, धर्म-जाति मायने नहीं रखती, वो तो बस आंखों से आंखों की भाषा होती है।एेसी ही मुहब्बत की एक खूबसूरत सी कहानी दरभंगा जिले में देखने को मिली जहां एक दुल्हन ट्राई साइकिल चलाकर मंदिर पहुंची और वहां दूल्हे ने दुल्हन को वरमाला पहनायी और सिंदूर से मांग भर उसे अपनी जीवन संगिनी बना लिया। 

ये प्रेम कहानी दरभंगा जिले के नीतीश और सीता की है। सीता अपने दोनों पांव से लाचार है और ट्राइ साइकिल ही उसके जीवन का बड़ा सहारा है, लेकिन इस ट्राई साइकिल पर चलनेवाली सीता पर नीतीश का दिल आ गया और उसने सीता से शादी रचाकर न सिर्फ अपनी प्रेम कहानी को अंजाम तक पंहुचा दिया, बल्कि समाज के लिए भी एक मिसाल पेश की है।

उनकी प्रेम कहानी यूं शुरू हुई थी। दरभंगा के कुशेश्वरस्थान की रहनेवाली सीता की बड़ी बहन की शादी बिरौल के पोखराम गांव में हुई है। सीता कभी-कभी अपनी बहन की ससुराल पोखराम जाती थी। वहीं, बिरौल प्रखंड के रसलपुर का रहने वाला नीतीश भी अपने मामा के घर पोखराम जाया करता था। इसी बीच दोनों की मुलाकात हुई, जान-पहचान आगे बढ़ी और फिर दोनों के बीच प्यार हो गया।  

प्यार की बात आगे बढ़ी तो दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया। दोनों ने अपने परिवारवालों को अपने मन की बात बताई। दोनों की शादी की इच्छा देखकर परिवार के लोग भी तैयार हो गये और गुरुवार को आखिरकर भगवान को साक्षी मानकर दोनों की शादी रीति-रिवाज से मंदिर में संपन्न हुई। 

दुल्हन के वेश में सीता अपनी ट्राइ साइकिल से मंदिर पहुंची। ट्राइ साइकिल पर ही नीतीश ने अपनी दुल्हन को जयमाला पहनायी। फिर दुल्हन की मांग में सिंदूर डाल सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा भी किया और भगवान् का आशीर्वाद प्राप्त किया। शादी के वक्त परिवारवालों के साथ गांव के भी लोग मौजूद थे। दुल्हन सीता अपनी शादी से बेहद खुश है। उसने कहा अब आगे का जीवन आसान हो गया है।

वहीं दूल्हा नीतीश भी अपनी शादी से खुश है। उसने कहा कि सीता को देखने वाला कोई नहीं था इसलिए इसके जीवन का सहारा बना। अब हम पूरा जीवन खुशी-खुशी बितायेंगे। 

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