कोरोना वायरस महामारी की चेन तोड़ने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन जारी है, जो 31 मई तक चलेगा। लॉकडाउन के बीच कई ऐसी कहानियां सामने आई हैं, जिसे देख और सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। ऐसी ही एक कहानी उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से सामने आई है। यहां फुटपाथ पर खाना बांटने के दौरान एक युवक को भिखारियों के साथ बैठने वाली नीलम से प्यार हो गया और दोनों ने शादी कर ली। इस अनोखी शादी में कई सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा गया। वहीं, सामजिक सोच बदलने वाली इस शादी को जिसने भी सुना वो तारीफ करने लगा।
फुटपाथ पर भिखारियों के साथ बैठती थी नीलम
दरअसल, कानपुर के बुध आश्रम में नीलम से शादी रचाने वाले अनिल ने शायद सपने में भी कभी ये सोचा नहीं होगा कि लॉकडाउन में वह फुटपाथ पर जिस नीलम को भिखारियों के साथ खाने के पैक्ट बाट रहा है वह एक दिन उसे के गले में वरमाला पहनाएगा। आपको बता दें कि नीलम के पिता नहीं हैं, मां पैरालिसिस से पीड़ित है। भाई और भाभी ने मारपीट कर घर से भगा दिया था। नीलम के पास गुजारा करने के लिए कुछ नहीं था। इसलिए वो लॉकडाउन में खाने लेने के लिए फुटपाथ पर भिखारियों के साथ लाइन में बैठती थी।
रोज खाना देने आता था अनिल
अनिल अपने मालिक के साथ रोज सबको खाना देने आता था। इसी दौरान अनिल को जब नीलम की मजबूरियों का पता चला तो उसे उससे प्यार हो गया। फिर क्या भिखारी की लाइन से निकलकर नीलम सात जन्मों के लिए उसकी हमसफर बन गई। बता दें कि अनिल एक प्रापर्टी डीलर के यहां ड्राइवर है उसका अपना घर है। माता-पिता, भाई सब हैं, जबकि नीलम की जिंदगी फुटपाथ पर भीख मांगकर चलती थी। उसे तो ये भी उम्मीद ही नहीं थी कि कोई उससे भी शादी कर सकता है।
दोनों की करवा दी शादी
इस शादी को कराने में अनिल के मालिक लालता प्रसाद का सबसे बड़ा योगदान रहा। अनिल जब दिन में खाना बांटकर आता था, तो उनसे नीलम के बारे में बातें करता। लालता भी उसकी भावना समझ गए। इसके बाद लालता प्रसाद ने अनिल के पिता को शादी के लिए राजी किया और दोनों की शादी करा दी। लालता प्रसाद का कहना है कि अनिल खाना बांटने हमारे साथ जाता था फिर उसे उस लड़की से लगाव हो गया। मुझसे इस बारे में अनिल ने चर्चा की तो मैंने इसे रात में भी खाना देने को कहा। फिर अनिल खुद खाना बनाकर देने जाने लगा। इसके बाद मैंने अनिल के पिता को राजी किया फिर दोनों की शादी करवा दी। भगवान की कृपा से दोनों बेटा-बेटी खुश हैं।
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