कुछ किसानों ने धान रोपाई की तैयारी शुरू कर दी। जबकि 15 जून से पहले धान रोपाई पर रोक है। कृषि विभाग की समय से पहले धान रोपाई करने वालों पर नजर है। इसको लेकर टीम भी बनाई गई हैं, जो गांव वाइज नजर रखे हुए है। सोमवार को भी कृषि विभाग के अधिकारियों ने खेतों का निरीक्षण कर तैयारी कर रहे किसानों को निर्धारित समय से पहले रोपाई करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
गौरतलब है कि हरियाणा भूमिगत जल संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत 15 जून तक धान की रोपाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इस अवधि में धान की रोपाई करने पर पानी की बहुत अधिक आवश्यकता होती है, जिस कारण भूमिगत जलस्तर निरंतर गिरता जा रहा है। इसलिए किसान इस अवधि में धान की रोपाई न करें।
खंड कृषि अधिकारी डॉ. जितेंद्र सरोहा ने कहा कि जो भी किसान निर्धारित समय से पहले धान की रोपाई करेगा, न केवल उसकी रोपाई की गई फसल को नष्ट किया जाएगा। बल्कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। उनकी तरफ से टीमें बनाई गई है, जो गांव गांव नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि समय पर धान रोपाई या अन्य फसल की बिजाई करके किसान गिरते भू जलस्तर को बचाने में सहयोग दे सकते हैं।
बढ़ता जा रहा है रकबा
पानीपत जिले में कुछ साल पहले 50 से 60 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई होती थी, लेकिन ये रकबा बढ़ता जा रहा है। इस साल 75 हजार हेक्टेयर में धान रोपाई का अनुमान है। हालांकि जिले के समालखा, बापौली व सनौली खंड डार्कजोन घोषित है। जबकि यहां ज्यादा धान की रोपाई ही होती है।
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