दून में अब तक 35 हजार से अधिक प्रवासी दूसरे राज्यों से लौट चुके हैं। इसके साथ ही लॉकडाउन की विषम परिस्थितियों में भी तमाम लोगों का रोजगार छिन चुका है। ऐसे लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की है। मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने इस संबंध में बैठक कर पात्र लोगों को उनके घर के पास ही स्वरोजगार मुहैया कराने के निर्देश दिए। इसमें शैक्षिक योग्यता की भी कोई बाध्यता नहीं है।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि स्वरोजगार योजना के लिए आवेदक की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। इसके लिए शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं है। जो भी व्यक्ति स्वरोजगार के इच्छुक हैं, वह सरकार की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। वहीं, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक शिखर सक्सेना ने स्वरोजगार के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि स्वरोजगार के इच्छुक व्यक्तियों को राष्ट्रीयकृत बैंकों, वाणिज्यिक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से निर्माण और सेवा संबंधी क्षेत्र में ऋण दिया जाएगा। निर्माण संबंध क्षेत्र में यह राशि 25 लाख रुपये तक होगी, जबकि सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जा सकेगा।
स्वरोजगार के लिए जिला उद्योग केंद्र में आवेदन करना होगा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल, आरबीआइ के एजीएम एमएल जोशी, नाबार्ड के डीडीएम अजय कुमार सोनी आदि उपस्थित रहे। मार्जिन मनी सब्सिडी में होगी समायोजित एमएसएमई नीति-2015 की श्रेणी 'ए' में मार्जिन मनी की अधिकतम सीमा और मात्रा कुल परियोजना लागत की 25 फीसद होगी। 'बी' श्रेणी में यह 20 फीसद, 'सी' व 'डी' श्रेणी में 15 फीसद होगी। संबंधित उद्यम के दो वर्ष तक सफल संचालन करने पर मार्जिन मनी को सब्सिडी में समायोजित कर दिया जाएगा।
सामान्य श्रेणी के आवेदकों को 10 फीसद स्वयं का अंशदान बैंक में जमा कराना होगा, जबकि अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक, पूर्व सैनिक, महिला व दिव्यांग लाभार्थियों को परियोजना लागत का पांच फीसद देय होगा। पांच वर्ष पूर्व के लाभार्थी भी पात्र जिन लोगों ने पांच वर्ष से पहले की अवधि में केंद्र और राज्य सरकार की स्वरोजगार की योजना में लाभ लिया हो, तो वह भी योजना के लिए पात्र माने जाएंगे। स्वरोजगार को इस वेबसाइट www.msy.uk.gov.in पर पंजीकरण करें।
0 Comments