ये 5 संकेत बताते हैं कि आपकी गाड़ी को नए टायर्स की जरूरत है या नहीं, जानें



नई दिल्ली: गाड़ी में टायर्स का रोल काफी अहम होता है,क्योंकि पूरी गाड़ी ही टायर्स पर जो टिकी है. यदि गाड़ी का टायर पंचर हो जाए तो एक कदम आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है लेकिन कई बार देखने को मिलता है कि लोग अपनी गाड़ी के टायर्स पर ध्यान नहीं देते, खराब हो चुके टायर्स को यूज करते रहते हैं जिसकी वजह से कई बार टायर के पंचर होने और ब्लास्ट होने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है. यहां हम आपको कुछ ऐसी जानकारियां दे रहे हैं जिनसे आपको पता चल जाएगा की गाड़ी में टायर्स कब बदलने चाहिये.


'ट्रेड' जोकि टायर का सबसे उपरी भाग होता है और काफी चलने के बाद यह घिसने लगता है. यदि टायर का ट्रेड करीब 1.6 mm से कम हो गया हो तो यह इस बात का संकेत है कि गाड़ी को नये टायर्स की जरूरत है.

जब टायर पुराने होने लगते है तो उनके साइड पर क्रेक दिखने लगते हैं. वैसे शुरू में ये हल्के से नजर आते हैं लेकिन बाद में इसका आकर बड़ा होने लगता है. ऐसे टायर्स के साथ सफर खतरनाक बन सकता है. ऐसे में समय रहते इन टायर्स को बदल लेना चाइये.

टायर्स की लाइफ इस बात पर भी निर्भर करती है कि वो किस तरह के रास्तों पर ज्यादा चलते हैं. यदि आपकी गाड़ी रोजाना खराब रास्तों पर चलती है तो टायर्स की लाइफ कम होगी, और उन पर उभार आने लग जाएंगे. यदि आपकी गाड़ी के टायर्स में भी कुछ ऐसा ही नजर आने लगे तो यह नये टायर्स बदलने का संकेत है.

गाड़ी चलाते समय अगर वाइब्रेशन जैसा महसूस होने लगे तो इसे नजरअंदाज न करें, खराब रास्तों पर ऐसा होना स्वाभाविक है लेकिन अच्छी सड़कों पर यह वाइब्रेशन नुकसानदायक है. ऐसे में तुरंत ही मकैनिक की सलाह लें, क्योंकि हो सकता है गाड़ी के टायर्स में कुछ गड़बड़ हो.

ज्यादातर टायर्स के बीच में जो गैप होता है उसमें एक बिट होता है, यह एक तरह का इंडीकेटर बार होता है. अगर ये बिट घिसकर टायर के बाहरी सतह के बराबर पहुंच जाए तो आपको टायर बदलने की जरूरत है.


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